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सुरेश सौरभ |
लघुकथा
किया जाए, लखनऊ, दिल्ली से बड़े अधिकारी आने वाले हैं किसी दिन, बड़ी चिंता हो रही है लग रहा, अब औचक निरीक्षण हो ही जाएगा?
-चिंता काहे की साहब ?
-अरे यार! यह भी नहीं जानते, हमने जो चोरी-चोरी सैकड़ों पेड़ कटा दिए हैं, उसका हमारे वन विभाग के पास कोई रिकार्ड नहीं है, अगर उन लोगों ने कटे पेड़ों के ठूंठ देख लिए और हमारी चोरी पकड़ी गई, तो फिर हमारी खैर नहीं? हमें नौकरी बचाना मुश्किल होगा भाई?
-इसका समाधान है साहब, परेशान काहे हैं?
-क्या है भाई! जल्दी बता?
-आग।
अगले दिन जंगल में भीषण आग लग गई। खबर छपी, सैंकड़ों पेड़ जलकर खाक। शीघ्र ही लखनऊ दिल्ली के, वन विभाग के, अधिकारी जंगल में, लगी आग से नुकसान का जायजा लेने के लिए आ रहे हैं।
निर्मल नगर लखीमपुर-खीरी
मो-7376236066