साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Saturday, June 05, 2021

पर्यावरण दिवस

पर्यावरण दिवस पर विशेष

 कई बार कह चुका हूँ मित्रों

मैं अपने संदेश में ।

आज प्लास्टिक पनप रही है

खतरा बनकर देश में ।।

 

झील सरोवर नदी ताल

झरने सागर हैरान हैं ।

इसके कब्जे में वन उपवन

खेत और खलियान हैं ।।

 

उपजाऊ को बंजर करना

इसका एक स्वभाव है ।

खाने पीने की चीजों पर

पड़ता बुरा प्रभाव है ।।

 

सख्ती आज नजर आई है

सरकारी आदेश में ।

आज प्लास्टिक पनप रही है

खतरा बनकर देश में ।।

 

पॉलीथिन के थैलों में जो

चीजें फेकी जातीं हैं ।

खाकर उनको जाने कितनी

गायें जान गंवातीं हैं ।।

 

पशु पक्षी और जीव जन्तुओं

पर पड़ता है बुरा असर ।

पर्यावरण प्रदूषित करता

नहीं छोड़ता कोई कसर ।।

 

महापुरुष भी बतलाते हैं

बात यही उपदेश में ।

आज प्लास्टिक पनप रही है

खतरा बनकर देश में ।।

 

जाने क्या मजबूरी है और

जाने क्या लाचारी है ।

जाने क्यों ये खतरनाक

पॉलीथिन सबपर भाारी है ।।

 

स्वार्थ त्याग कर पॉलीथिन का

बंद करें उपयोग हम ।

जूट और कपड़ों के थैलों

का ही करें प्रयोग हम ।।

 

पर्यावरण बेचैन ना हो

अब पॉलीथिन के केश में ।

आज प्लास्टिक पनप रही है

खतरा बनकर देश में ।।

 


श्याम किशोर बेचैन

9125888207

पढ़िये आज की रचना

मौत और महिला-अखिलेश कुमार अरुण

(कविता) (नोट-प्रकाशित रचना इंदौर समाचार पत्र मध्य प्रदेश ११ मार्च २०२५ पृष्ठ संख्या-1 , वुमेन एक्सप्रेस पत्र दिल्ली से दिनांक ११ मार्च २०२५ ...

सबसे ज्यादा जो पढ़े गये, आप भी पढ़ें.