साहित्य

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  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Saturday, June 19, 2021

चोर पकड़ा गया-सुरेश सौरभ

 बाल-कहानी 

राहुल घर में आते ही बस्ते को एक ओर फेंक कर उदास होकर बैठ गया। मम्मी ने आवाज दी-बेटा राहुल कहाँ हो आओ खाना खाओ। लेकिन वह टस से मस न हुआ। थोड़ी देर बाद मम्मी उसके पास पहुँचीं और उसके सर पर हाथ फेरते हुए बड़े प्यार से बोली-बेटा आज तू बड़ा उदास है। क्या स्कूल में किसी से तेरा झगड़ा हुआ ? मम्मी के काफी जोर देने पर उसकी चुप्पी टूटी। वह रुआँसे स्वर में बोला-कुछ नहीं हुआ मम्मी। अब तो मम्मी का शक पूरे विश्वास में बदल गया। जरूर कुछ न कुछ राहुल के साथ हुआ है। उन्होंने बड़े दुलार से पूछा-बेटा अगर तू मेरा राजा बेटा है, तो मुझे सारी बात बता।

अब तो राहुल के सब्र का प्याला टूट गया। वह सुबकते हुए मम्मी के गले से लिपट गया। रोते हुए बताने लगा-मम्मी गोलू पूरी कक्षा में सबसे बड़ा लड़का है। वह अक्सर छोटे बच्चों के साथ शैतानी करके परेशान किया करता है। कई दिन पहले उसने मुझसे दो पेंसिलें लिखने के लिए माँगी थीं।जब मंैने उससे मना कर दिया, तो उसने जबरदस्ती करके मेरे बस्ते से निकाल लीं। जब गुरु जी कक्षा में पढ़ाने आए तो मैंने उनसे गोलू की शिकायत की। उन्हांेने उसके बस्ते की तलाशी ली, पर मेरी पेंसिल नहीं निकलीं, इससे सारी कक्षा के बच्चों ने मेरी हँसी उड़ाई। फिर गोलू ने गुरु जी से कहा-गुरु जी इसने मुझ पर झूठा आरोप लगाया है। इसको सजा मिलनी चाहिए। कक्षा के सारे बच्चों ने उसके स्वर में अपना स्वर मिला दिया। हाँ-हाँ गुरु जी राहुल को जरुर सजा मिलनी चाहिए। फिर गुरु जी ने मुझसे कान पकड़ कर पचास उठक-बैठक लगवाई। पूरी कक्षा में मुझे अपमानित होना पड़ा। वो भी बेगुनाही में। मम्मी गोलू बड़ा शैतान चोर लड़का है। हर बार अपनी चालाकी से बच निकलता है।

फिर हॉफ टाइम खत्म होने के बाद जब सारे बच्चे क्लास में पहँुचे तो रोहित ने गुरु जी से कहा-गुरु जी मेरा ज्यामेट्री बाक्स गायब हो गया है । कक्षा में वही गुरु जी थे जिन्होंने मुझे दण्ड दिया था। उन्होंने सबकी तलाशी ली। मैं हैरान था मेरे बस्ते में रोहित का बाॅक्स कहाँ से आ गया। मैंने उनसे अपनी लाख बेगुनाही बताई पर वे न माने। वे क्रोध में बोले-हर चोर पकड़े जाने पर ऐसा ही नाटक करता है। चलो फौरन कान पकड़ो सौ उठक-बैठक लगाओ। मैं बार-बार रो-रो कर अपनी सफाई देता रहा, पर वे न माने, पूरी सौ उठक-बैठक लगवा कर ही माने। मंै रोता-गिड़गिड़ाता रहा और सारे बच्चे ताली बजा-बजा कर कह रहे थे, चोर पकड़ा गया।..चोर पकड़ा गया।

छुट्टी होने पर जब मैं स्कूल के बाहर निकला, तो सारे बच्चे मुझे चोर-चोर कह कर मेरा मजाक उड़ा रहे थे। अब तुम्हीं बताओ मम्मी जब तुम मुझे सारी चीजें लाकर देती हो, तो मैं क्यों चोरी करने लगा। कोई मुझे चोर-चोर कहे यह मुझे कतई बर्दाश्त नहीं ? मम्मी मैं कल से स्कूल नहीं जाऊँगा। इतना कह कर राहुल मम्मी के गले से लगकर फूट-फूट कर रोने लगा।

 नहीं-नहीं बेटा ऐसी बात नहीं करते अच्छे बच्चे! मुझे पूरा विश्वास है कि यह शरारत गोलू की है। कल तेरे पापा स्कूल जायेंगे और प्रधानाचार्य से बात करेंगे। तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा।

मम्मी ऐसा कभी न करना, वरना मेरा दोस्त विमल कह रहा था कि गुरु जी की शिकायत अगर प्रधानाचार्य से की गई, तो वे मुझे परीक्षा में फेल कर देंगे। इससे अच्छा तो यही है कि वहाँ न पढ़कर कहीं और पढूं।

 बेटा जीवन में जो भी समस्या आए उसका सही समाधान निकालना चाहिए। जितना समस्याओं से बाधाओं से मुँह मोड़कर भागोगे उतनी ही तुम्हारे गले पड़ेंगी। समझे बेटा राहुल।

राहुल को मम्मी की नसीहत अच्छी लगी।

दूसरे दिन पापा राहुल के स्कूल गये और प्रधानाचार्य से सारी बात बताई। प्रधनाचार्य ने उस अध्यापक को बुलवाया फिर उसे समझाते हुए बोले-आप को जरा से बच्चे को छोटी सी बात पर इतनी कठोर सजा नहीं देनी चाहिए थी। आप को ये पता है, उसके पैरांे में कितना दर्द है, उसने सिर हिला कर न किया और आँखें झुका लीं। आप को इतनी भी समझ नहीं कि चोर चोरी का सामान क्या अपने घर में रखेगा। अगर राहुल को ज्यामेट्री बाॅक्स चुरानी ही होती तो वह अपने बचाव के लिए कहीं भी रख सकता था फिर अपने बस्ते में ही रखकर अपना ही गला क्यों फँसाता।

फिर प्रधानाचार्य ने गोलू को बुलवाया। उससे कड़ाई से पूछा-गोलू मुझे कल की घटना सच-सच बता दो। मुझे एक लड़के से तुम्हारी सारी शरारत पता चल गई है। अब तुम खुद बताओ बाॅक्स राहुल के बस्ते में कैसे पहुँचा। अगर तुमने सीधी तरह अपनी शरारत कुबूल कर ली तो ठीक है, अन्यथा मैं तुम्हारा स्कूल से नाम काट कर भगा दूँगा। अब, तो गोलू की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। वह प्रधानाचार्य के फौरन पैर पकड़ कर गिड़गिड़ाने लगा-गुरु जी मैंने ही रोहित की ज्यामेट्री राहुल के बस्ते में रखी थी। मुझे माफ कर दो, आइंदा ऐसी हरकत न करूँगा.....प्लीज गुरु जी मेरा नाम मत काटना। राहुल ने मेरी शिकायत गुरु जी से की थी, इसलिए मैं उसे मजा चखाना चाहता था।

प्रधानाचार्य की सूझ-बूझ से गोलू ने अपनी गलती कुबूल कर लिया और फिर कभी ऐसी शरारत न करने की कसम खा ली।

राहुल अब रोज स्कूल जाने लगा। अब किसी ने नहीं कहा चोर पकड़ा गया, बल्कि गोलू को ही सारे बच्चे चिढ़ाते चोर पकड़ा गया, चोर पकड़ा गया।

सुरेश सौरभ


पता-निर्मल नगर लखीमपुर-खीरी यूपी

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