साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Friday, June 18, 2021

पोस्टमैन हैं प्यारे बादल- शिव सिंह सागर

 बाल-कविता 

पोस्ट मैन हैं प्यारे बादल,

डांक खुशी की लाते हैं!

लाद पीठ पर अपने पानी,

जगह - जगह बरसाते हैं!


आसमान में उड़ते रहते,

काले - काले गोरे- गोरे!

कभी रात में आते हैं,

कभी ये आते बड़े सवेरे! 


कंधे पर थैला लटकाए,

घूम रहे हैं द्वारे - द्वारे!

अम्बर तल में आते हैं जब,

सबको लगते हैं प्यारे!



पता-बन्दीपुर हथगाम फतेहपुर


No comments:

पढ़िये आज की रचना

शेर का परिवार-अखिलेश कुमार अरुण

  व्यंग्य   (दिनांक ११ सितम्बर २०२५ को मध्यप्रदेश से प्रकाशित इंदौर समाचार पत्र पृष्ठ संख्या-१०) अखिलेश कुमार 'अरुण'  ग्राम- हज़...

सबसे ज्यादा जो पढ़े गये, आप भी पढ़ें.