साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Monday, June 21, 2021

बापों की नई खेप-सुरेश सौरभ

suresh saurabh
पिता
मैं भी हूँ,
वो भी है,
और भी हैं,
पर कुछ पिता
ऐसे भी हैं,
जो सिर्फ और सिर्फ
दानवता से भरे पुतले भर हैं
और उसमें भी
घोर पाप और दुराचार
कूट-कूट कर मिश्रित है
जो बहता हुआ लावारिस बच्चों को
पैदा करता है,
जिसकी पैदावार से गटर में बढ़ रही हैं
नाजायज बापों की
नई-नई खेप।
मो0-निर्मल नगर लखीमपुर-खीरी उ0 प्र0
पिन-262701 मो-7376236066

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