साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०
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Thursday, July 01, 2021

सवनवा आईल ना-अखिलेश कुमार अरुण

  भोजपुरी कजरी गीत  

ना आईल बलमुआ, सखी हो सवनवा आईल ना

सवनवा आईल ना हो सवनवा आईल ना-2

 बिरह में देहियाँ जरे,

छन-छन पनियां परे सखी हो कब आई बलमुआ ना

सखी हो सवनवा आईल ना

सवनवा आईल ना हो सवनवा आईल ना-2

 बहे पवन पुरवईया,

कूके बाग़ कोयलिया सखी हो कब आई बलमुआ ना

सखी हो सवनवा आईल ना

सवनवा आईल ना हो सवनवा आईल ना-2

 सवतिन भईल सेजरिया,

धई-धई काटे रतिया सखी हो कब आई बलमुआ ना

सखी हो सवनवा आईल ना

सवनवा आईल ना हो सवनवा आईल ना-2

 अँखियाँ के काजर बहे,

ना कईल सिंगरवा सोहे सखी हो कब आई बलमुआ ना

सखी हो सवनवा आईल ना

सवनवा आईल ना हो सवनवा आईल ना-2

 ना आईल बलमुआ, सखी हो सवनवा आईल ना

सवनवा आईल ना हो सवनवा आईल ना-2

अखिलेश कुमार अरुण




 

पता-ग्राम-हजरतपुर, पोस्ट-मगदापुर

जिला-लखीमपुर(खीरी)

Wednesday, June 09, 2021

खौफ़जदा हूँ मैं-राजरानी

             साहित्य के नवांकुर            

राजरानी
साहित्य की दुनिया में यह आपकी पहली रचना है, उज्जवल भविष्य की मंगलकामनाएं -अस्मिता ब्लॉग/पेज

 ये जिंदगी ना रूठ यूँ, तूं धारा है, तो मैं किनारा

ऐसे छोड़ के ना जा तूं, नदी में नाव बिन पतवारा।

 

तेरा जो बचपन मेरा था, मेरा बचपन तेरा है,

राहें भले अनेक थी किन्तु मंजिल मेरी एक थी

बचपन की रीत याद कर साथ-साथ चल जरा

ये जिंदगी ना रूठ यूँ, तूं धारा है, तो मैं किनारा।

 

दुनिया के रीति-नीति में, हमें भी साथ चलना है

इन कंकड़ो के डरकर मुझे राह न बदलना है

पीछे है तेरे कोई उसे भी साथ लेके चल जरा

ये जिंदगी ना रूठ यूँ, तूं धारा है, तो मैं किनारा।

 

जो अपने थे वे पराये हैं, तूं परायों में अपना

तूं हकीकत है आज भी मेरी, मैं तेरी कल्पना

खौफ़जदा हूँ मैं, इन दरिंदों से मुझे बचा जरा

ये जिंदगी ना रूठ यूँ, तूं धारा है, तो मैं किनारा।

 

पता-ग्राम-हजरतपुर, लखीमपुर खीरी उ०प्र०

 

Wednesday, June 02, 2021

प्रीती की कलम से

प्रीति गौतम
कहाँ तक अंधविश्वास में जिओगे।
पढ़ोगे तभी तो तुम आगे बढ़ोगे ।।
 
कभी बाबा साहेब का संविधान पढ़ो।
कभी देख के कांशीराम का संघर्ष बढ़ो।।
 
माता सावित्री बाई के पथ पर चलोगे।
पढ़ोगे तभी तो तुम आगे बढ़ोगे ।।
 
भले आएं जितने भी कांटे राहों में।
हो बस किताबें तुम्हारे हाथों में ।।
 
क़लम से तुम नया इतिहास रचोंगे।
पढ़ोगे तभी तो तुम आगे बढ़ोगे।।
 
करें कोई चाहें कुछ मगर सच यही है।
कौम जो हमारी आज आगे बढ़ रही है।।
 
इसी से आगे चलकर राज करोगे ।
पढ़ोगे तभी तो तुम आगे बढ़ोगे।।
                                                                                                            निवास-सेनपुर लखीमपुर खीरी

Saturday, May 29, 2021

कोरोना की त्रासदी पर एक मार्मिक सोहर गीत

 पुरबी के जनक 'महेद्र मिश्र' – अभिव्यक्ति 

                           सोहर

उठेला कोरोना के लहरिया, मचल हाहाकरिया हो

चारिउ ओरिया मौत के खबरिया नगरिया बेहाल भए हो

 

नाही अस्पताल मे जगहिया मिलैं,नाही डागडरवा मिलैं हो

बेड नाहीं मिले ,ना मिले  दवइया, मनइया बेहाल भए हो

 

नाहीं ऑक्सीजन गैसिया, घुटन लागी संसिया हो..

जइसे जल बिनु तड़पै मछरिया, मरैं नर नरिया हो

 

फफकि के रोवेले गुजरिया, उठेला  चीत्करिया हो

मोरे जिनगी में छवल अन्हरिया, नजरिया से नीर बहै हो

 

के माई कहिके बोलाई, के अँखिया खोलाई मोरी

रोवै बुलुकि के बुढ़िया मतरिया, नजरिया से नीर बहै हो

 

माई के सून भइली गोंदिया, बहिनियां के आस टूटल हो

ए हो बाबू के अंखिया सुखाइ गयो, जिया पथराइ गए हो

 

नाहीं  मिलै  है  चार  कन्हवां, कोरोनवां  से डर रहे  हो

कइसे पियवा के होवै संस्कार, बिपतिया अपार भए हो।

 

जइसे के भेड़ी बोकरिया, मरे हैं नर नरिया हो

भइली आन्हर बहिर सरकरिया, नगरिया बेहाल भए हो

मोहन लाल यादव

               

ग्राम-तुलापुर,पोस्ट- झूँसी ,जिला प्रयागराज (यूपी)

      मोबाइल 99 56 72 43 41

Monday, May 24, 2021

संविधान के नायक

 

गीत

 

फर्क न हो जहां ऊंच नीच    का आओ ऐसा गान करें l

संविधान  के  नायक  का   मिलकर  हम सम्मान करें l

डा. बाबा साहब अंबेडकर की जीवनी | Biography, Profile of Dr. Bhimrao Ambedkar  in Hindi - Hindi Oneindia

खोकर जिसने नींदें  अपनी   सबको यार जगाया था l                        

लड़कर  जिसने   पाखंडों से  परिवर्तन  ले आया था l

संघर्षों  के  दिव्य  पुरुष  को  भूलें    हम ध्यान करें,

संविधान  के नायक का   मिलकर हम   सम्मान करें l

 

कदम-कदम पर नई  चुनौती   रोज़ मुसीबत  झेले थे l

भारत मां के लाल थे बाबा साब खाए यहां पर खेले थेl

वक़्त गवाही देता है  कि   हम उन पर  अभिमान करें,

संविधान   के नायक  का  मिलकर  हम  सम्मान करें l

 The Shudra on Twitter: "'मुझे मूर्तियों में नहीं, किताबों में ढूँढों' बाबा  साहब के विचारों के महत्व पर @lokeshukey0501 का कार्टून… "

महापुरुष  बन आए भारत जग में अपना नाम किया l

कोई नहीं कर  पाया था जो, आपने ऐसा काम किया l

अभिवादन इस  महापुरुष का हम सारे गुणगान  करें,

संविधान  के  नायक  का  मिलकर  हम  सम्मान करें l

 


                  शिव सिंह सागर

                       बन्दीपुर हथगाम फतेहपुर

Saturday, May 22, 2021

हे संविधान के निर्माता

हे संविधान के निर्माता

हे रमापति, यशवंत पिता, हे रामजीराव के लाल चौदहवे।
तुलसा,मंजुला के लाडले भैया,भीमा मैया के राज दुलारे।
हे परमपूज्य हे बोधिसत्व,  हे ज्ञान के सागर भीमराव,
तुमने मोड़ी उस धारा को जिसमें बहता था उलटा बहाव।
हे अर्थशास्त्री, समाज शास्त्री,हे राजनीति के परम पुरोधा
हार गए वो सब के सब जो कहते थे खुद को योद्धा।
मानवता के दुश्मन कांपे, मन में अटल विश्वास रहे।
जबतक धरती .चाँद सितारे,सूरज,नीला आकाश रहे।
हे संविधान के निर्माता हर ह्रदय में तुम्हारा वास रहे।।

बहुजन भारत - Posts | Facebook
हे समाजसुधारक ,विधिवेत्ता,हे मनुवाद के नाशक तुम।
दुश्मन की छाती पर खंजर, हे बहुजन के उद्धारक तुम।
जातिवाद के विध्वंसक, समता का पाठ पढ़ाने वाले।
अगणित,अगनित दुखों से शोषित को मुक्त कराने वाले।
सदियों से शोषित नारी को तुमने सम्मान दिलाया था।
मानव को मानव होने का तुमने अहसास कराया था।
रमाकान्त परिवार सहित चरणों का तुम्हारे दास रहे।
जबतक धरती ,चाँद सितारे,सूरज,नीला आकाश रहे।
हे संविधान के निर्माता हर ह्रदय में तुम्हारा वास रहे।।

हे भारत की अमूल धरोहर, हे भारत के स्वाभिमान।
दुनिया के कोने - कोने में, होता है तुम्हारा यश गान।
हे भारतरत्न भीम बाबा, हे भारत के भाग्य विधाता ।
हे बहुजन के दीनबन्धु, हे गाँधी के जीवनदाता।
शिक्षित बनो,संगठित रहो, संघर्ष करो ये बतलाया।
वैज्ञानिक धर्म बुद्ध का देकर,सत्य का मार्ग हमें दिखलाया।
जबतक लहराए तिरंगा अपना,मन में भरा उल्लास रहे।
जबतक धरती ,चाँद सितारे,सूरज,नीला आकाश रहे।
हे संविधान के निर्माता हर ह्रदय में तुम्हारा वास रहे।
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रमाकान्त चौधरी 
ग्राम - झाऊपुर, लंदनपुर ग्रंट,
गोला गोकर्णनाथ, लखीमपुर खीरी।
उत्तर प्रदेश।
 Mob. No.-9415881883
Gmail- rkchaudhary2012@gmail.com
YouTube channel- bas Tumhare liye

प्यारे बहुजनों

प्यारे बहुजनों

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बुद्धं शरणं गच्छामि से, अपना रिश्ता जोड़ो जी।
 मनुवादी क्रूर व्यवस्था से तुम, अपना नाता तोड़ो जी।

 स्वर्ग-नर्क का भय दिखला कर, सदियों से तुम छले गए।
 पाप-पुण्य के चक्कर में, तुम हद से ज्यादा दले गए।
 तुम से पत्थर पुजवा करके , वो सारे मालामाल हुए।
 तुम मूरख अज्ञानी ठहरे , जो पूज पूज कंगाल  हुए।
 कुछ बुद्धि विवेक से काम करो, सच से रिश्ता जोड़ो जी।
 मनुवादी क्रूर व्यवस्था से तुम अपना नाता तोड़ो जी।

 खुद की दवा वैद्य से लेते , तुमसे हवन कराते हैं ।
जीव-जंतु, पशु-पक्षी, नदियां, गोबर तक पुजवाते हैं ।
वह कंपटीशन की करें तैयारी, तुम कांवर को ढोते हो।
 फिर अपनी अमिट गरीबी का, बेमतलब रोना रोते हो ।
छोड़ देवालय विद्यालय से , अपना रिश्ता जोड़ो जी ।
मनुवादी क्रूर व्यवस्था से तुम अपना नाता तोड़ो जी।

 वक्त पड़े तो चरणों में तुम्हारे, उनको झुकना आता है।
 जब वह झूठा प्यार करें , तब सीना गदगद हो जाता है।
 बिना ज्ञान के छोटी सी भी, चाल समझ ना पाते हो ।
उनके बिछे जाल में तुम, आसानी से फंस जाते हो ।
मांस और मदिरा के खातिर, ईमान अपना छोड़ो जी।
 मनुवादी क्रूर व्यवस्था से तुम, अपना नाता तोड़ो जी।
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रमाकांत चौधरी


रमाकान्त चौधरी 
ग्राम - झाऊपुर, लंदनपुर ग्रंट,
गोला गोकर्णनाथ, लखीमपुर खीरी।
उत्तर प्रदेश।
 Mob. No.- 9415881883
Gmail- rkchaudhary2012@gmail.com
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Tuesday, August 11, 2020

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो

हम कबर से आईब हो

मर के भी साथ हम न छोड़ पाईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

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नेहिया लगवले बाडू परी निभावे के

सोचिहऽ न दोसर आपन दुनिया बसावे के

मंगबू जे चाँद हम तारा ले आईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

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प्यार का होला पूछऽ कवनो दीवाना से

राही के रोड़ा बनल दुश्मन जमाना में

तोहके पावे खाति मरब चाहे मार आईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

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केतना चाहिलां हम तोहके बताईं का

जईसन हनुमान सीना चीरि देखाईं का

कईल तोहरे इशारा हम मर जाईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

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बसल बाडू रोमे-रोम ‘अरुण’ के साँस में

ज़हर जुदाई होई बनबू जे आन के

उठी तोहर डोली हमना सह पाईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

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मर के भी साथ हम न छोड़ पाईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

------------------------------------------सर्वाधिकार सुरक्षित@अखिलेश कुमार अरुण

पढ़िये आज की रचना

चर्चा में झूठी-सुरेश सौरभ

(फिल्म समीक्षा)      एक मां के लिए उसका बेटा चाहे जैसा हो वह राजा बेटा ही होता है, बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, जिन्हें हम अपने विचार...

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