साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०
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Monday, June 06, 2022

पर्यावरण दिवस-विकास कुमार

विकास कुमार 
अन्छा दाऊदनगर 
औरंगाबाद बिहार
     
ऑक्सीजन के बिना हम लोगो को जीवन जीना कैसे सिखाए,
इतना प्रदूषित वातावरण को हम पर्यावरण दिवस कैसे मनाए।

अब किसको, कब और कैसे हम उनको क्या समझाए,
कुछ पैसे की लालच में अपने ही घर के जो पेड़ कटवाए।

दो–चार लोग जो आए थे पेड़ को काटने हमारे गांव में,
धूप से परेशान होकर बैठ गए उस पेड़ के ही छांव में।

ऑक्सीजन के बिना हम लोगो को जीवन जीना कैसे सिखाए,
इतना प्रदूषित वातावरण को हम पर्यावरण दिवस कैसे मनाए।

अपने जीवन के बचाव में आइए मिलकर हम पेड़ लगाए,
कुछ लोग तो समझ चुके है, कुछ लोग को आप समझाए।


शुद्ध हवा न मिल पाता है ऑक्सीजन खरीदने पर विवस है,
कितना खुशी की बात है आज शुद्ध पर्यावरण की दिवस है।

ऑक्सीजन के बिना हम लोगो को जीवन जीना कैसे सिखाए,
इतना प्रदूषित वातावरण को हम पर्यावरण दिवस कैसे मनाए।

 

Tuesday, May 24, 2022

प्यार का एहसास-विकास कुमार

   कविता   

विकास कुमार
अन्छा दाउदनगर, औरंगाबाद बिहार
कभी हमारी मुलाकात हो या न हो बस मेरा हर बात याद रखना,
जिस दिन तुम मेरे लिए तड़पी थी बस ओ रात याद  रखना।

कल को मेरी चेहरा तुम्हे याद हो ना हो बस फोटो साथ रखना।
चाहे हम जहाँ भी रहे जिस हाल में रहे बस मुझे न तुम परखना।।

मैं अगर पागल भी हो जाऊ, तो तुम मुझे बस पागल मत कहना।
मुझे देखकर तुम्हे दर्द भी हो, तो तुम मुझे भूलकर भी सहना।।

मैं तो टूट के बिखर गया हूं, अब न हो पाता  मुझे कोई बहाना।
इस दुनिया भरी बाजार में तुम्हे,  मिल जायेंगे भले हजार दीवाना।।

        ....

Wednesday, March 30, 2022

जल तुम्हें बचाना है-विकास कुमार

   कविता  

जीवन बचाना चाहते हों तो, इस मीठी जल को तुम्हे बचाना होगा।
खुद में सुधार लाकर हम सबको, अच्छी आदत को अपनाना होगा।।

जल को मानिए अमृत हमसब थोडा–थोडा सा करके प्रयोग करे।
वर्षा के जल को बचाकर हम जल संरक्षण का लोग उपयोग करें।।

नदियों में कूड़ा–कचरा न डाले, जल को प्रदुषित ना करना होगा।
जीवन बचाना चाहते हों तो, इस मीठी जल को तुम्हे बचाना होगा।।

नीर, वारी, तोय, सलिल कितने सारे अनेको नाम है इसके।
साधारण सा दिखता है कितने सारे महत्वपूर्ण काम है इसके।।

जल के महत्व को जो ना समझें, उसे भी एक दिन पछताना होगा।
जीवन बचाना चाहते हों तो इस मीठी जल को तुम्हे बचाना होगा।

जल भी एक सीमित साधन है, करते हमसब मिलकर आराधन है।
हर बूंद है कीमती जल की, यह भविष्य का ही सबसे बड़ा धन है।।

साधारण ना समझे इसको, विशेष रूप से इसको समझना होगा।
जीवन बचाना चाहते हों तो, इस मीठी जल को तुम्हे बचाना होगा।

         


      दाऊदनगर औरंगाबाद बिहार
       मो :– 8864053595


प्यारी सी तितली रानी-विकास कुमार

   बाल-कविता  
विकास कुमार

आई आई नई नवेली, रंग बिरंगे तितली रानी।
देखने में लगती है बहुत अच्छी और मस्तानी।।

देखने से लगे छोटी, लेकिन इसकी बड़ी कहानी।
जितनी सीधी लगती है, कही उससे ज्यादा शैतानी।।

इसके है छोटे–छोटे से बाल–बच्चे अच्छे दिवाने।
कोई इसकी चाल–चलन को भी नही पहचाने।।

कोई बोले तितली रानी, कोई बोले पंख उड़ान।
इसमे ओ जादू है जिससे भटकाये बच्चो का ध्यान।।

रंग बिरंगे पंख है मेरे, जिससे मैं समझाना चाहती हूं।
एसे ही जिवन के सुख दुख है जिसे मैं बताना चाहती हूं।।

उड़ तुम भी सकते हो मानव, जोर ताकत तुम लगाओ।
अपने इस हौसले को, मेरी तरह सब को तुम दिखाओ।।

               
दाऊदनगर, औरंगाबाद  बिहार

पढ़िये आज की रचना

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