साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Wednesday, June 02, 2021

ज्ञान भरें हैं पुस्तक में


डॉ. सतीश चन्द्र भगत


मेरे घर में है अलमारी,

रखी पुस्तकें इसमें सारी ।

 

सजे हुए हैं इसके खाने,

मोटे- पतले ग्रंथ पुराने ।

 

कहते दादा पढ़ना सीखो,

सोच समझकर बढ़ना सीखो ।


मिहनत करके मंजिल चढ़ना,

अच्छी- अच्छी पुस्तक पढ़ना ।


इनसे तुमको  ज्ञान मिलेंगे,

जीवन में सम्मान मिलेंगे ।

निदेशक- हिन्दी बाल साहित्य शोध संस्थान, बनौली, दरभंगा ( बिहार) -847428

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