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डॉ. सतीश चन्द्र भगत |
मेरे घर में है अलमारी,
रखी पुस्तकें इसमें सारी ।
सजे हुए हैं इसके खाने,
मोटे- पतले ग्रंथ पुराने ।
कहते दादा पढ़ना सीखो,
सोच समझकर बढ़ना सीखो ।
मिहनत करके मंजिल चढ़ना,
अच्छी- अच्छी पुस्तक पढ़ना ।
इनसे तुमको ज्ञान मिलेंगे,
जीवन में सम्मान मिलेंगे ।
निदेशक- हिन्दी बाल साहित्य शोध
संस्थान,
बनौली,
दरभंगा ( बिहार) -847428