साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Thursday, June 17, 2021

मन में साहस भरना भैया-डॉ. सतीश चन्द्र भगत

अच्छी बातें रखें ध्यान में,

काम समय पर करना भैया।

 

आपस में शुचि प्रेमभाव हो,

एक- दूसरे प्रति लगाव हो।

हिंसा चोरी बुरी बात है ,

सही राह पर चलना भैया।

 

अहंकार से तोड़ें नाता,

श्रम - संयम से बने विधाता।

करें सभी के साथ भलाई ,

निर्बल के दुरूख हरना भैया।

 

आपस में हो भाईचारा,

थोड़े में ही करें गुजारा।

मातृभूमि पर बलि- बलि जाएं,

मन में साहस भरना भैया।


 

निदेशक- हिन्दी बाल साहित्य शोध संस्थान,

बनौली, दरभंगा ( बिहार) -847428

 

No comments:

पढ़िये आज की रचना

चर्चा में झूठी-सुरेश सौरभ

(फिल्म समीक्षा)      एक मां के लिए उसका बेटा चाहे जैसा हो वह राजा बेटा ही होता है, बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, जिन्हें हम अपने विचार...

सबसे ज्यादा जो पढ़े गये, आप भी पढ़ें.