साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०
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Monday, June 07, 2021

पर्यावरण बचाना है-साधना रस्तोगी पंखु

साधना रस्तोगी पंखु

साहित्य के नवांकुर     
पर्यावरण दिवस अपना कर

पर्यावरण बचाना है ।

आओ करें संकल्प कि हमको

पौधा एक लगाना है ।।

 

अपनी संस्कृति और सभ्यता

का परिचय देना होगा ।

पर्यावरण को संरक्षित करने

का प्रण लेना होगा ।।

 

पौधों  को  नुकसान  न  पहुचे

सबको ये समझाना है ।

आओ करें संकल्प कि हमको

पौधा एक लगाना है ।।

 

वन उपवन के पेड़ों को पौधों

को मित्र बनाएं हम ।

खुशियां उनसे शेयर करें संबंध

विचित्र बनाएं हम ।।

 

पूज्य है जो श्रद्धेय है जो उसको

सादर अपनाना है ।

आओ करें संकल्प कि हमको

पौधा एक लगाना है ।।

 

यही  हैं  माता पिता यही हैं

यही बंधु हैं सखा यही ।

इन  पेड़ों  जैसा   हित कारी

दूजा कोई दिखा नही ।।

 

यही  साधना है  बाकी  बाकी

कर्तव्य  निभाना  है ।

आओ करें संकल्प कि हमको

पौधा एक लगाना है ।।

पता-लखीमपुर खीरी उ०प्र०

पढ़िये आज की रचना

मौत और महिला-अखिलेश कुमार अरुण

(कविता) (नोट-प्रकाशित रचना इंदौर समाचार पत्र मध्य प्रदेश ११ मार्च २०२५ पृष्ठ संख्या-1 , वुमेन एक्सप्रेस पत्र दिल्ली से दिनांक ११ मार्च २०२५ ...

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