साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Saturday, June 26, 2021

हम बच्चे-मधुर कुलश्रेष्ठ

मधुर कुलश्रेष्ठ
हम नन्हें मुन्ने बच्चे प्यारे प्यारे
कंचे गोली गिल्ली डंडा खेल हमारे
भागम-भाग, छिपन छिपाई
इक्कड़ दुक्कड़ हमको लगते प्यारे 

धौल धपट कर लड़ते झगड़ते
पल में गलबहियाँ डाले फिरते
हम नासमझों की दुनियां में
झट मिट जाते गिले हमारे

लड़के लड़की का भेद नहीं
जात पाँत की दीवार न आती
मिल जुलकर सब खेल खेलते
इस घर से उस घर के द्वारे

हम नन्हें मुन्ने बच्चे प्यारे प्यारे

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