साहित्य
- जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
- लखीमपुर-खीरी उ०प्र०
Sunday, April 24, 2022
संतू जाग गया, पक्की दोस्ती का विमोचन सम्पन्न हुआ
Thursday, January 13, 2022
स्वामी विवेकानंद जयन्ती-कवि श्याम किशोर बेचैन
स्वामी विवेकानंद जयन्ती
जन्म 12.01.1863 मृत्यु 04.07.1902
स्वामी विवेकानंद को पढ़िए तो एक बार।।
बोले थे शिकागो में अपने धर्म के लिए।
दुनिया के युवाओं के श्रेष्ठ कर्म के लिए।।
बचपन से इनमे हो रहा था ज्ञान का विस्तार।
स्वामी विवेकानंद को पढ़िए तो एक बार।।
दुनिया के हर युवा के वो आधार बने थे।
स्वामी विवेकानंद सूत्रधार बने थे।।
तेजी देश में बढ़ा था इनका जनाधार।
स्वामी विवेकानंद को पढ़िए तो एक बार।।
थी आत्मा परमात्मा में आस्था अखण्ड।
लेकिन इन्हें पसंद नहीं था कोई पाखण्ड।।
हर एक युवा कर रहा था इनपे ऐतबार।
स्वामी विवेकानंद को पढ़िए तो एक बार।।
स्वामी विवेकानंद के आदेश के लिए।
बेचैन युवा चल पड़े थे देश के लिए।।
हर एक पे स्वतंत्रता का जोश था सवार।
स्वामी विवेकानंद को पढ़िए तो एक बार।।
Saturday, January 08, 2022
विश्व बौद्ध धम्म ध्वज-कवि श्याम किशोर बेचैन
कवि श्याम किशोर बेचैन |
08 जनवरी 1880
बौद्घ धम्म ध्वज के बारे में आओ जरा विचार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।।
आओ तथागत के ध्वज का आदर और सतकार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।।
बौद्ध धम्म का ध्वज दुनिया को देता है संदेश बड़ा ।
पंच शील का इस ध्वज में है छुपा हुआ उपदेश बड़ा ।।
बौद्ध धम्म के उपदेशों आओ हम विस्तार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।।
नीला रंग ये आसमान का कहता हृदय विशाल करो ।
पीला रंग ये बता रहा है जन जीवन खुशहाल करो ।।
आओ इन रंगो को अपने जीवन का आधार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।।
लाल रंग गतिशील बनाकर उर्जावान बनाता है ।
स्वेत रंग है शांति का सूचकऔर समृद्धि का दाता है ।।
रंगो के भावार्थ समझ कर खुद पर एक उपकार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।।
केसरिया रंग त्याग और बलिदान पाठ पढ़ाता है ।
बौद्ध धम्म का ध्वज मानव में मानवता भर जाता है ।।
चैन बेचैन को देने वाले धम्म का आओ प्रचार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।
Monday, January 03, 2022
माँ सावित्री बाई फुले- कवि श्याम किशोर बेचैन
Sunday, November 21, 2021
वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई-श्याम किशोर बेचैन
Monday, June 21, 2021
पिता शिक्षक पिता रक्षक-श्यामकिशोर बेचैन
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श्याम किशोर बेचैन |
Sunday, June 20, 2021
20 जून पितृदिवस-श्याम किशोर बेचैन
सबल भाई की निर्बल भाई
पर गुंडा गर्दी ना होती ।
काश पिता जीवित होता तो
ऐसी सरदर्दी ना होती ।।
सबका अपना हिस्सा होता
सबका अपना घर होता ।
होता सच्चा प्यार सामने
झूठी हमदर्दी ना होती ।।
हांथ पिता का सर पे होता
तो अनाथ ना कहलाता ।
और जमाने भर में मेरी
ऐसी बे कदरी ना होती ।।
पिता एक अंकुश होता है
पिता हौसला होता है ।
पिता नही होता तो शायद
तनपे कोई वर्दी ना होती ।।
पिता के दम से मान हुआ
पूरा हर अरमान हुआ ।
पिता के होते हावी मुझपर
गर्मी और सर्दी ना होती ।।
हर बच्चे को मिलता चैन
होता ना कोई बेचैन ।
पिताके होते दुनियां ऐसी
जालिम बेदर्दी ना होती ।।
कवि श्याम किशोर बेचैन
संकटा देवी बैंड मार्केट
लखीमपुर खीरी
Saturday, June 19, 2021
वीरांगना झलकारी बाई- कवि श्याम किशोर बेचैन
जन्म 22 नवम्बर 1830 मृत्यु 04 अप्रैल 1857
झलकारी का शौर्य पराक्रम
जब झांसी में आम हुआ ।
अंग्रेजों की नीद उड़ गई
और आराम हराम हुआ ।।
बाइस, ग्यारह, अट्ठारह सौ
तीस को जन्मी झलकारी ।
अट्ठारह सौ सत्तावन में
कहेर बन गई चिनगारी ।।
तेग उठी जब झलकारी की
सेना मे कोहराम हुआ ।
अंग्रेजों की नीद उड़ गई
और आराम हराम हुआ ।।
पिता सदोवर माता जमुना
पति पूरन जांबाज मिले ।
इन्ही से अंग्रेजों पर भारी
पड़ने के अंदाज मिले ।।
जोभी सामने आया दुश्मन
उसका काम तमाम हुआ ।
अंग्रेजों की नीद उड़ गई
और आराम हराम हुआ ।।
शेर से जब वो लड़ी शेरनी
शेर से छक्के छूट गए ।
जितने डाकू घुसे गांव में
सबके पसीने छूट गए ।।
झलकारी के इस साहस का
चर्चा सुबहो शाम हुआ ।
अंग्रेजों की नीद उड़ गई
और आराम हराम हुआ ।।
झलकारी की झलक देखके
रह ना सकी लक्ष्मी बाई ।
थी हमशक्ल महारानी की
योद्धा झलकारी बाई ।।
बना दिया सेना मे नायक
फिर सेना में काम हुआ ।
अंग्रेजों की नीद उड़ गई
और आराम हराम हुआ ।।
रानी जब घिर गई महल में
तब झलकारी खूब लड़ी ।
बचाके अपनी महारानी को
अंग्रेजों पर टूट पड़ी ।।
चार अप्रैल को मिटी शेरनी
रण वीरों में नाम हुआ ।
अंग्रेजों की नीद उड़ गई
और आराम हराम हुआ ।।
पीठपे जो बेटे को लेके
गोरों से टकराई थी ।
भूला दिया गोगों ने जिसको
वो झलकारी बाई थी ।।
जाने क्यों इतिहास में ये
बेचैन नाम गुमनाम हुआ ।
अंग्रेजों की नीद उड़ गई
और आराम हराम हुआ ।।
पता-संकटा देवी बैंड मार्केट लखीमपुर
खीरी
Monday, June 14, 2021
रक्तदान दिवस-श्यामकिशोर बेचैन
14 जून विश्व रक्तदान दिवस पर विशेष
रक्तदान से बच सकता है जीवन हर इंसान का ।
सबको अर्थ जानना होगा दुनियां में रक्तदान का ।।
रक्तदान करने के अपने नियम कायदे होते हैं ।
रक्तदान करने वालों के बड़े फायदे होते हैं ।।
रक्त का दानी रूप दूसरा होता है भगवान का ।
सबको अर्थ जानना होगा दुनियां में रक्तदान का ।।
हार्ट और कैंसर का खतरा रक्तदान से टलता है ।
रक्तदान करते रहने से मिलती बड़ी सफलता है ।।
रक्तदान से भला ही होगा तर्क है ये विज्ञान का ।
सबको अर्थ जानना होगा दुनियां में रक्तदान का ।।
उम्र है अट्ठारह से ऊपर तो बेचैन ये दान करो ।
हो पचास केजी के तो फिर पूरा ये अरमान करो ।।
बदला नही चुका सकता है कोई इस अहसान का ।
सबको अर्थ जानना होगा दुनियां में रक्तदान का ।।
पता-संकटा देवी बैंड मार्केट लखीमपुर खीरी
Saturday, June 12, 2021
मत छीनो बचपन -कवि श्याम किशोर बेचैन
12 जून, विश्व बालश्रम दिवस पर विशेष
खेल कूद की उम्र है
जिनकी उन्हें खेलने खाने दो ।
बच्चो से मत छीनो
बचपन उनको हसने गाने दो ।।
भूख गरीबी लाचारी
मजबूर बहुत कर देती है ।
बच्चों को अपने
बचपन से दूर बहुत कर देती है ।।
उनको मत मजदूर बनाओ
शिक्षा उनको पाने दो ।
बच्चों से मत छीनो
बचपन उनको हसने गाने दो ।।
वंचित भी शिक्षा
पाने को विद्यालय जा सकता है ।
अपने हुनरसे भारत
का परचम लहरा सकता है ।।
झाड़ू पोछा के आगे
का उनको ख्वाब सजाने दो ।
बच्चों से मत छीनो
बचपन उनको हसने गाने दो ।।
तुमसे जितना हो पाए
तुम उतना सहयोग करो ।
ऐसे बच्चों पर अपनी
मानवता का प्रयोग करो ।
करना ना बेचैन
उन्हें इनको भी खुशी मनाने दो ।।
बच्चों से मत छीनो बचपन उनको हसने गाने दो ।।
पता-संकटा देवी बैंड
मार्केट लखीमपुर खीरी
पढ़िये आज की रचना
मौत और महिला-अखिलेश कुमार अरुण
(कविता) (नोट-प्रकाशित रचना इंदौर समाचार पत्र मध्य प्रदेश ११ मार्च २०२५ पृष्ठ संख्या-1 , वुमेन एक्सप्रेस पत्र दिल्ली से दिनांक ११ मार्च २०२५ ...

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