साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Saturday, June 19, 2021

कोरोना में शादी- सुरेश सौरभ

  लघुकथा

   एक मंदिर। एक पंडित। एक दूल्हा। उसके साथ एक बराती, उसका बाप। एक दुल्हन। उसके साथ एक घराती उसकी मां। बाकी सब जगह कोरोना। शादी मंदिर में हो गई।
     शादी के बाद उनके सुख से दिन बीतने लगे। दो बच्चे हुए। वे बरसों बाद जवान हुए। एक बेटी की शादी की।अपनी प्रतिष्ठा और परंपराओं की खातिर लाखों खर्च किए। उन पर कर्जा हुआ। वह बहुत परेशान हुए। 
     खर्चे को लेकर पति-पत्नी में वाद-विवाद हुआ। तब कुढ़कर पत्नी बोली-कोरोना काल की ही शादी बढ़िया थी-न ज्यादा झंझट न, झूठी परंपराओं के सिरदर्द का बोझ।
   
सुरेश सौरभ


निर्मल नगर लखीमपुर खीरी
पिन-262701
मो-7376236066

No comments:

पढ़िये आज की रचना

शेर का परिवार-अखिलेश कुमार अरुण

  व्यंग्य   (दिनांक ११ सितम्बर २०२५ को मध्यप्रदेश से प्रकाशित इंदौर समाचार पत्र पृष्ठ संख्या-१०) अखिलेश कुमार 'अरुण'  ग्राम- हज़...

सबसे ज्यादा जो पढ़े गये, आप भी पढ़ें.