साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०
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Wednesday, June 15, 2022

भारत गौरव सम्मान से सम्मानित अनुभूति गुप्ता खीरी जिले की एक साहित्यिक पहचान हैं-अखिलेश कुमार अरुण

   सम्मान   

परिचय

 

अनुभूति गुप्ता

जन्मतिथि- 05.03.1987.

जन्मस्थान- हापुड़ (उ.प्र.)

शिक्षा- बी.एस.सी. (होम साइन्स), एम.बी.ए., एम.एस.सी. (आई.टी.)

(विद्या वाचस्पति उपाधि प्राप्त) Pursuing International cyber law and forensic sciences course from IFS, Mumbai...

सम्प्रति-

डायरेक्टर/प्रकाशक (उदीप्त प्रकाशन, yellow Feather publications)(लखीमपुर खीरी)

प्रकाशक/एडिटर (अनुवीणा पत्रिका)

प्रोफेशनल चित्रकार

रेखाचित्रकार (only rekhachitrkar from kheri, रेखाचित्र, 30000 से अधिक)

स्वतंत्र लेखिका

सम्पर्क सूत्र-

103 कीरत नगर

निकट डी एम निवास

लखीमपुर खीरी

9695083565

 

विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, गांधीनगर (बिहार) ने अनुभूति गुप्ता को भारत गौरव सम्मान 2022 से अलंकृत कर हम क्षेत्रवासियों को एक पहचान दिया है वैसे आप किसी परिचय की मोहताज नहीं है, लखीमपुर खीरी जैसे पिछड़े जिले से साहित्य के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है जहाँ हिंदी साहित्य में लेखन की बात करें तो इक्का-दुक्का साहित्यकार ही अपनी टूटी-फूटी लेखनी से जिले-जेवार का नाम रोशन करते रहे हैं। पंडित वंशीधर शुक्ल पुराने लेखकों में सुमार थे तब से लेकर आज तक साहित्यिक विरासत सूनापन लिए चल रहा था। आज कई लेखक साथी साहित्यिक रचनाओं में भिन्न-भिन्न हिंदी साहित्य की विधाओं पर अपनी लेखनी चला रहे हैं।

 

हिंदी साहित्य की अनेक विधाओं पर आपकी लेखनी को सरपट दौड़ाने वाली लेखिका/संपादिका अनुभूति गुप्ता ने  कविता, कहानी, लघुकथा, हाइकु, रिपोर्ताज, जीवनी आदि पर खूब लेखन किया है। देश-विदेश की नामचीन पत्र-पत्रिकाओं हंस, दैनिक भास्कर-मधुरिमा, हिमप्रस्थ, कथाक्रम, सोच-विचार, वीणा, गर्भनाल, जनकृति, शीतल वाणी, उदंती, पतहर, नवनिकष, दुनिया इन दिनों, शुभतारिका, गुफ्तगू, शब्द संयोजन, अनुगुंजन, नये क्षितिज, परिंदे, नव किरण, नेपाली पत्रिका आदि अनेकों हिन्दी पत्रिकाओं में कवितायें प्रकाशित होती रहती हैं। नवल, आधारशिला और चंपक पत्रिका में कहानी का प्रकाशन। साहित्य साधक मंच, अमर उजाला, दैनिक नवज्योति, दैनिक जनसेवा मेल, मध्यप्रदेश जनसंदेश, ग्रामोदय विजन आदि विभिन्न समाचार पत्रों में कविताएं एवं लघुकथाएं प्रकाशित। 300 से अधिक कविताएं प्रकाशित। कविता कोशमें 60 से अधिक कविताएं संकलित।

 

साहित्य आपको विरासत के रूप में आपके माता जी (बिनारानी गुप्ता) से मिला है जो लेखन में अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक सक्रीय रही हैं जो पिछले साल करोना महामारी में कालकवलित हो गईं, जिनके साहित्यिक सपनो को साकार करने के लिए उनकी बेटी अनुभूति गुप्ता जी ने कोई कोर-कसर बाकी नहीं रख रही हैं अपने माता जी की स्मृति में आपने एक पुस्तक प्रकाशन की परियोजना में व्यस्त हैं, आप अपने छात्र जीवन से ही साहित्य से आप जुड़ीं तो जुड़ती ही चली गईं, साथ ही साथ पेंटिंग करना आपकी प्रवृत्ति में शामिल है हजारों रेखाचित्रों का एक बड़ा संग्रह आपने तैयार किया हुआ है। जिनका प्रकाशन देश की नामचीन साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं यथा-पाखी, नया ज्ञानोदय, मधुमति, वागर्थ, हंस, कथादेश, कथाक्रम आदि इतना ही नहीं आपके रेखा चित्रों का प्रकाशन साहित्यिक पत्रिकाओं के आवरण पृष्ठों पर भी खूब किया गया है रेखाचित्रों के प्रकाशन की एक झलक देखिये पाखी, नया ज्ञानोदय, मधुमती, वागर्थ, ’हंस’, ’कथादेश’, ’कथाक्रम’, विभोम स्वर, ’प्राची’, शीतल वाणी, साहित्य अमृत, समकालीन अभिव्यक्ति, कथा समवेत, गाँव के लोग पत्रिका में रेखाचित्र प्रकाशित एवं प्रकाषित होते रहते हैं। पत्रिका के कवर पर पेंटिग- मधुमती, शीतल वाणी, किस्सा कोताह, नूतन कहानियां, वीणा, वैजयंती, विचरण जियालोको, प्रतिबिम्ब, संवेद आदि। पत्रिका के कवर पर रेखाचित्र- अविराम साहित्यकी किताब के कवर पर पेंटिग प्रकाशनाधीन- लेखक- सूरज उज्जैनी, मुकेश कुमार, राकेश कुमार सिंह, किताबों में प्रकाशित रेखाचित्र- माटी कहे कुम्हार से, सुनो नदी ! किताबों में प्रकाशित कार्टून चित्र- जलनखोर प्रेमी, नटखट प्रेमिका (कात्यायनी सिंह)पत्रिका के कवर पर खिंचा गया चित्र- शब्द संयोजन आदि।

 

अनुभूति गुप्ता लेखनी का एक ऐसा नाम है जिसमें समाज की मर्मिक्ताओं का आभास होता है तथा बौखलाहट और घुटन देखने को मिलती है प्रकाशित रचनाओं की फेहरिस्त भी काफी लम्बी है यथा- बाल सुमन (बाल-काव्य संग्रह), कतरा भर धूप (काव्य संग्रह), अपलक (कहानी संग्रह), बाल सुमन (बाल-काव्य संग्रह) दूसरा संस्करण, तीसरा संस्करण।प्रकाशनाधीन- मैं (काव्य संग्रह), कोकनट में उगती स्त्रियां और 44 से अधिक पुस्तकों का आपने सफल प्रकाशन भी किया है और यह निरंतर जारी है

 

साहित्य की दुनिया में दिल खोलकर लोगों ने आपको सम्मानित भी किया है और इस सम्मान की आप असली हक़दार भी है। एक नज़र डालते हैं आपकी की सम्मान निधि पर तो यह भी अपने आप में एक अवर्णनीय है- शोध पत्रिका में लेख एवं अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘‘अवधी भाषा‘‘ में प्रमाण पत्र प्राप्त एवं नारी गौरव सम्मानतथा प्रतिभाशाली रचानाकार सम्मान’, ’साहित्य-श्री सम्मान’, ’के.बी. नवांकुर रत्न सम्मान’, नवपल्लव पत्रिका के कुशल सम्पादन हेतु अमृता प्रीतम स्मृति शेषसम्मान तथा प्रसिद्ध संस्था श्रीनाथ द्वारा सम्पादक शिरोमणि सम्मान’, शान्ति देवी अग्रवाल स्मृति सम्मान, इमराजी देवी चित्रकला रत्न, भारत गौरव से सम्मानित एवं अनेको सम्मान प्राप्त है।

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Sunday, April 17, 2022

अर्पित पुष्प-डॉ० सरस्वती जोशी

स्मृति शेष

स्व ० बीना रानी
माँ भारती की अनन्य भक्त, साहित्य के क्षेत्र की एक जानी-मानी हस्ती, श्रीमती डॉ. बीना रानी गुप्ता का परलोक गमन हिंदी साहित्य के क्षेत्र की एक दुर्भाग्यपूर्ण क्षति है। वे परम्परावादी हिंदू नारी व आधुनिक युग की प्रगतिशील भरतीय नारी के मिश्रण की एक सजीव मिसाल थीं । गृहलक्ष्मी के समस्त गुणों से युक्त, आदर्श पुत्री, पत्नी, माँ, गृहिणी के समस्त उत्तरदायित्वों का पालन करते हुए प्रगति की ओर अग्रसर हो समाज व देश के प्रति भी सजगता पूर्वक अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित श्रीमती. बीना रानी जी अपने परिवेश के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत थीं, हैं और रहेंगी । पठन-पाठन, शिक्षण आदि के साथ साहित्य की विविध विधाओं पर सरल, सुबोध शैली में चलती उनकी कलम पाठकों के मन पर आमिट छाप छोड़ जाती थी। शोध कर्ताओं के हेतु प्रकाशित उनकी पुस्तक “शोध प्रविधि के विविध आयाम” हर शोधकर्ता का मार्गदर्शन कर शोध-कार्य को जिस तरह सरल-सुगम कर समझा देती है वह सच में अत्यंत सराहनीय कार्य है । ऐसी विभूतियाँ संसार में कुछ विशेष प्रयोजन हेतु आती हैं, लक्ष्यपूर्ति कर अपनी स्मृतियों की छाप छोड़ संसार से विदा हो जाती हैं, और हम देखते रह जाते हैं बेबस से । काश मैं कभी उनके प्रत्यक्ष दर्शन कर पाती । भारत माता व माँ भारती की ऐसी आदर्श पुत्री स्वर्गीया श्रीमती डॉ. बीना गुप्ता को हार्दिक श्रद्धांजलि व सादर नमन ।

हैं अश्रुपुरित नेत्रों से बहती जल-धारा से सिंचित सजल कण,
हैं तव स्मृतियों में लीन हृदय के स्नेह से सुरभित सुमन,
हैं व्यथित उर से उभर आते करूण स्वरों से रंजित भाव,
कर लेना स्वीकार यह श्रद्धांजलि हमको अपना मान !


पेरिस, फ़्रान्स
दिनांक १६ अप्रैल २०२२)

Sunday, January 02, 2022

घुटन-अनुभूति गुप्ता

  कविता  
अनुभूति गुप्ता
लेखक/सम्पादिका
कोई मर रहा होगा
तो उसे बूंद भर जिंदगी दोगे क्या,
सांसें मोहताज है यकीं की, मुझे उम्मीद दोगे क्या..

सोच मेरी इतनी सी नहीं
जो तुमको कत्ल कर दें
क्या सच बोलकर मुझे महफूज़ कर दोगे क्या...

मैंने इक निवाला चुराया था
एक बच्चे के दांतों के बीच.. क्या मुझे माफ़ी दोगे क्या,
सच कहती हूं, इस दौर में
मां को दूर बैठे देखती हूं, क्या क़रीब कर दोगे क्या...!

मैं शरीर नहीं मांगती हूं
मैं वक्त मांगती हूं तुम्हारा
निगाह में, समंदर नहीं
रेत चाहती हूं क्या मुझे इन नेत्रों में बिछने दोगे क्या..!
पता-लखीमपुर खीरी उ०प्र०

Monday, December 27, 2021

स्त्री की पीड़ा-अनुभूति गुप्ता

  कविता  
अनुभूति गुप्ता
संपादक/लेखिका
मुझे पता है
कैसी होती हैं मानसिक यातनाएं
क्या होता है ढोना
क्या होता है एकाकी रोना....!

मुझे पता है
कैसी होती हैं सामाजिक धारणाएं
जिसमे कहा जाता है
स्त्री को बोझ, बांझ 
और कहा गया परायाधन, विवाह के उपरांत..!

मुझे पता है
कैसी होती हैं परियों की कथाएं
क्या होता है बेटी का होना
कैसे भ्रूण से लेकर का सफ़र
परिवार में, जन्मी बेटी के, अस्तित्व का असर...!

मुझे पता है
कैसी होती हैं चेहरे पर की मात्राएं
कहने की आज़ादी का द्वंद
लगाएं गए हुए प्रतिबंध
विवशता से भरा मन, प्रतिपल आश्रित तन...!


पता-लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

पढ़िये आज की रचना

चर्चा में झूठी-सुरेश सौरभ

(फिल्म समीक्षा)      एक मां के लिए उसका बेटा चाहे जैसा हो वह राजा बेटा ही होता है, बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, जिन्हें हम अपने विचार...

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