साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०
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Wednesday, March 30, 2022

जल तुम्हें बचाना है-विकास कुमार

   कविता  

जीवन बचाना चाहते हों तो, इस मीठी जल को तुम्हे बचाना होगा।
खुद में सुधार लाकर हम सबको, अच्छी आदत को अपनाना होगा।।

जल को मानिए अमृत हमसब थोडा–थोडा सा करके प्रयोग करे।
वर्षा के जल को बचाकर हम जल संरक्षण का लोग उपयोग करें।।

नदियों में कूड़ा–कचरा न डाले, जल को प्रदुषित ना करना होगा।
जीवन बचाना चाहते हों तो, इस मीठी जल को तुम्हे बचाना होगा।।

नीर, वारी, तोय, सलिल कितने सारे अनेको नाम है इसके।
साधारण सा दिखता है कितने सारे महत्वपूर्ण काम है इसके।।

जल के महत्व को जो ना समझें, उसे भी एक दिन पछताना होगा।
जीवन बचाना चाहते हों तो इस मीठी जल को तुम्हे बचाना होगा।

जल भी एक सीमित साधन है, करते हमसब मिलकर आराधन है।
हर बूंद है कीमती जल की, यह भविष्य का ही सबसे बड़ा धन है।।

साधारण ना समझे इसको, विशेष रूप से इसको समझना होगा।
जीवन बचाना चाहते हों तो, इस मीठी जल को तुम्हे बचाना होगा।

         


      दाऊदनगर औरंगाबाद बिहार
       मो :– 8864053595


प्यारी सी तितली रानी-विकास कुमार

   बाल-कविता  
विकास कुमार

आई आई नई नवेली, रंग बिरंगे तितली रानी।
देखने में लगती है बहुत अच्छी और मस्तानी।।

देखने से लगे छोटी, लेकिन इसकी बड़ी कहानी।
जितनी सीधी लगती है, कही उससे ज्यादा शैतानी।।

इसके है छोटे–छोटे से बाल–बच्चे अच्छे दिवाने।
कोई इसकी चाल–चलन को भी नही पहचाने।।

कोई बोले तितली रानी, कोई बोले पंख उड़ान।
इसमे ओ जादू है जिससे भटकाये बच्चो का ध्यान।।

रंग बिरंगे पंख है मेरे, जिससे मैं समझाना चाहती हूं।
एसे ही जिवन के सुख दुख है जिसे मैं बताना चाहती हूं।।

उड़ तुम भी सकते हो मानव, जोर ताकत तुम लगाओ।
अपने इस हौसले को, मेरी तरह सब को तुम दिखाओ।।

               
दाऊदनगर, औरंगाबाद  बिहार

Saturday, June 26, 2021

हम बच्चे-मधुर कुलश्रेष्ठ

मधुर कुलश्रेष्ठ
हम नन्हें मुन्ने बच्चे प्यारे प्यारे
कंचे गोली गिल्ली डंडा खेल हमारे
भागम-भाग, छिपन छिपाई
इक्कड़ दुक्कड़ हमको लगते प्यारे 

धौल धपट कर लड़ते झगड़ते
पल में गलबहियाँ डाले फिरते
हम नासमझों की दुनियां में
झट मिट जाते गिले हमारे

लड़के लड़की का भेद नहीं
जात पाँत की दीवार न आती
मिल जुलकर सब खेल खेलते
इस घर से उस घर के द्वारे

हम नन्हें मुन्ने बच्चे प्यारे प्यारे

Thursday, June 24, 2021

जाड़ा-अक्षत अरविन्द

नवांकुर नन्हे-मुन्हे कवि

आया जाड़ा आया जाड़ा,

पढ़ने लगे हैं दाँत पहाड़ा।

हवा चल रही ठंडी-ठंडी,

बंद करो अब खुले किवाड़ा।

सूरज कोहरे से डर जाता,

गर्मी ने भी पल्ला झाड़ा।

दादी हलुआ दो गाजर का,

शकरकंद दो और सिंघाड़ा।

पड़े रहे  बिस्तर में हरदम,

जाड़े ने हर खेल बिगाड़ा।

 

अक्षत अरविन्द

कक्षा-5

श्री राजेन्द्र गिरि मेमोरियल एकेडमी गोला गोकर्ण नाथ-खीरी

 पता-नन्दी लाल निराशहनुमान मंदिर के पीछे

लखीमपुर रोड गोला गोकर्णनाथ-खीरी

Saturday, June 19, 2021

चोर पकड़ा गया-सुरेश सौरभ

 बाल-कहानी 

राहुल घर में आते ही बस्ते को एक ओर फेंक कर उदास होकर बैठ गया। मम्मी ने आवाज दी-बेटा राहुल कहाँ हो आओ खाना खाओ। लेकिन वह टस से मस न हुआ। थोड़ी देर बाद मम्मी उसके पास पहुँचीं और उसके सर पर हाथ फेरते हुए बड़े प्यार से बोली-बेटा आज तू बड़ा उदास है। क्या स्कूल में किसी से तेरा झगड़ा हुआ ? मम्मी के काफी जोर देने पर उसकी चुप्पी टूटी। वह रुआँसे स्वर में बोला-कुछ नहीं हुआ मम्मी। अब तो मम्मी का शक पूरे विश्वास में बदल गया। जरूर कुछ न कुछ राहुल के साथ हुआ है। उन्होंने बड़े दुलार से पूछा-बेटा अगर तू मेरा राजा बेटा है, तो मुझे सारी बात बता।

अब तो राहुल के सब्र का प्याला टूट गया। वह सुबकते हुए मम्मी के गले से लिपट गया। रोते हुए बताने लगा-मम्मी गोलू पूरी कक्षा में सबसे बड़ा लड़का है। वह अक्सर छोटे बच्चों के साथ शैतानी करके परेशान किया करता है। कई दिन पहले उसने मुझसे दो पेंसिलें लिखने के लिए माँगी थीं।जब मंैने उससे मना कर दिया, तो उसने जबरदस्ती करके मेरे बस्ते से निकाल लीं। जब गुरु जी कक्षा में पढ़ाने आए तो मैंने उनसे गोलू की शिकायत की। उन्हांेने उसके बस्ते की तलाशी ली, पर मेरी पेंसिल नहीं निकलीं, इससे सारी कक्षा के बच्चों ने मेरी हँसी उड़ाई। फिर गोलू ने गुरु जी से कहा-गुरु जी इसने मुझ पर झूठा आरोप लगाया है। इसको सजा मिलनी चाहिए। कक्षा के सारे बच्चों ने उसके स्वर में अपना स्वर मिला दिया। हाँ-हाँ गुरु जी राहुल को जरुर सजा मिलनी चाहिए। फिर गुरु जी ने मुझसे कान पकड़ कर पचास उठक-बैठक लगवाई। पूरी कक्षा में मुझे अपमानित होना पड़ा। वो भी बेगुनाही में। मम्मी गोलू बड़ा शैतान चोर लड़का है। हर बार अपनी चालाकी से बच निकलता है।

फिर हॉफ टाइम खत्म होने के बाद जब सारे बच्चे क्लास में पहँुचे तो रोहित ने गुरु जी से कहा-गुरु जी मेरा ज्यामेट्री बाक्स गायब हो गया है । कक्षा में वही गुरु जी थे जिन्होंने मुझे दण्ड दिया था। उन्होंने सबकी तलाशी ली। मैं हैरान था मेरे बस्ते में रोहित का बाॅक्स कहाँ से आ गया। मैंने उनसे अपनी लाख बेगुनाही बताई पर वे न माने। वे क्रोध में बोले-हर चोर पकड़े जाने पर ऐसा ही नाटक करता है। चलो फौरन कान पकड़ो सौ उठक-बैठक लगाओ। मैं बार-बार रो-रो कर अपनी सफाई देता रहा, पर वे न माने, पूरी सौ उठक-बैठक लगवा कर ही माने। मंै रोता-गिड़गिड़ाता रहा और सारे बच्चे ताली बजा-बजा कर कह रहे थे, चोर पकड़ा गया।..चोर पकड़ा गया।

छुट्टी होने पर जब मैं स्कूल के बाहर निकला, तो सारे बच्चे मुझे चोर-चोर कह कर मेरा मजाक उड़ा रहे थे। अब तुम्हीं बताओ मम्मी जब तुम मुझे सारी चीजें लाकर देती हो, तो मैं क्यों चोरी करने लगा। कोई मुझे चोर-चोर कहे यह मुझे कतई बर्दाश्त नहीं ? मम्मी मैं कल से स्कूल नहीं जाऊँगा। इतना कह कर राहुल मम्मी के गले से लगकर फूट-फूट कर रोने लगा।

 नहीं-नहीं बेटा ऐसी बात नहीं करते अच्छे बच्चे! मुझे पूरा विश्वास है कि यह शरारत गोलू की है। कल तेरे पापा स्कूल जायेंगे और प्रधानाचार्य से बात करेंगे। तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा।

मम्मी ऐसा कभी न करना, वरना मेरा दोस्त विमल कह रहा था कि गुरु जी की शिकायत अगर प्रधानाचार्य से की गई, तो वे मुझे परीक्षा में फेल कर देंगे। इससे अच्छा तो यही है कि वहाँ न पढ़कर कहीं और पढूं।

 बेटा जीवन में जो भी समस्या आए उसका सही समाधान निकालना चाहिए। जितना समस्याओं से बाधाओं से मुँह मोड़कर भागोगे उतनी ही तुम्हारे गले पड़ेंगी। समझे बेटा राहुल।

राहुल को मम्मी की नसीहत अच्छी लगी।

दूसरे दिन पापा राहुल के स्कूल गये और प्रधानाचार्य से सारी बात बताई। प्रधनाचार्य ने उस अध्यापक को बुलवाया फिर उसे समझाते हुए बोले-आप को जरा से बच्चे को छोटी सी बात पर इतनी कठोर सजा नहीं देनी चाहिए थी। आप को ये पता है, उसके पैरांे में कितना दर्द है, उसने सिर हिला कर न किया और आँखें झुका लीं। आप को इतनी भी समझ नहीं कि चोर चोरी का सामान क्या अपने घर में रखेगा। अगर राहुल को ज्यामेट्री बाॅक्स चुरानी ही होती तो वह अपने बचाव के लिए कहीं भी रख सकता था फिर अपने बस्ते में ही रखकर अपना ही गला क्यों फँसाता।

फिर प्रधानाचार्य ने गोलू को बुलवाया। उससे कड़ाई से पूछा-गोलू मुझे कल की घटना सच-सच बता दो। मुझे एक लड़के से तुम्हारी सारी शरारत पता चल गई है। अब तुम खुद बताओ बाॅक्स राहुल के बस्ते में कैसे पहुँचा। अगर तुमने सीधी तरह अपनी शरारत कुबूल कर ली तो ठीक है, अन्यथा मैं तुम्हारा स्कूल से नाम काट कर भगा दूँगा। अब, तो गोलू की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। वह प्रधानाचार्य के फौरन पैर पकड़ कर गिड़गिड़ाने लगा-गुरु जी मैंने ही रोहित की ज्यामेट्री राहुल के बस्ते में रखी थी। मुझे माफ कर दो, आइंदा ऐसी हरकत न करूँगा.....प्लीज गुरु जी मेरा नाम मत काटना। राहुल ने मेरी शिकायत गुरु जी से की थी, इसलिए मैं उसे मजा चखाना चाहता था।

प्रधानाचार्य की सूझ-बूझ से गोलू ने अपनी गलती कुबूल कर लिया और फिर कभी ऐसी शरारत न करने की कसम खा ली।

राहुल अब रोज स्कूल जाने लगा। अब किसी ने नहीं कहा चोर पकड़ा गया, बल्कि गोलू को ही सारे बच्चे चिढ़ाते चोर पकड़ा गया, चोर पकड़ा गया।

सुरेश सौरभ


पता-निर्मल नगर लखीमपुर-खीरी यूपी

Friday, June 18, 2021

पोस्टमैन हैं प्यारे बादल- शिव सिंह सागर

 बाल-कविता 

पोस्ट मैन हैं प्यारे बादल,

डांक खुशी की लाते हैं!

लाद पीठ पर अपने पानी,

जगह - जगह बरसाते हैं!


आसमान में उड़ते रहते,

काले - काले गोरे- गोरे!

कभी रात में आते हैं,

कभी ये आते बड़े सवेरे! 


कंधे पर थैला लटकाए,

घूम रहे हैं द्वारे - द्वारे!

अम्बर तल में आते हैं जब,

सबको लगते हैं प्यारे!



पता-बन्दीपुर हथगाम फतेहपुर


Thursday, June 17, 2021

मन में साहस भरना भैया-डॉ. सतीश चन्द्र भगत

अच्छी बातें रखें ध्यान में,

काम समय पर करना भैया।

 

आपस में शुचि प्रेमभाव हो,

एक- दूसरे प्रति लगाव हो।

हिंसा चोरी बुरी बात है ,

सही राह पर चलना भैया।

 

अहंकार से तोड़ें नाता,

श्रम - संयम से बने विधाता।

करें सभी के साथ भलाई ,

निर्बल के दुरूख हरना भैया।

 

आपस में हो भाईचारा,

थोड़े में ही करें गुजारा।

मातृभूमि पर बलि- बलि जाएं,

मन में साहस भरना भैया।


 

निदेशक- हिन्दी बाल साहित्य शोध संस्थान,

बनौली, दरभंगा ( बिहार) -847428

 

लाल अनार-सतीश चन्द्र भगत

लाल अनार लाल अनार,

गेंद सरीखे गोल अनार।

 

लदे फदे हैं पेड़ों पर,

लगते अच्छे लाल अनार।

 

इसके अंदर लाल दाने,

करता है मन, इसको खाने।

 

जब खाएंगे लाल अनार,

नहीं पड़ेंगे हम बीमार।

 

जमकर खाएं लाल अनार,

हमें मिलेंगे शक्ति अपार।



पता- निदेशक- हिन्दी बाल साहित्य शोध संस्थान,

बनौली, दरभंगा ( बिहार) -847428

भाईचारा-डॉ. सतीश चन्द्र भगत

प्रेम  मुहब्बत रहे  सभी  में

घृणा- द्वेष से दूर रहें  हम

हिंसा- चोरी  बात हो झूठी

मुंह मोड़ना  अच्छा भैया ।

 

अहंकार से  तोड़े  नाता

सदा क्रोध से दूर रहें हम

करें भलाई दीन- दुखियों का

ईर्ष्या कभी न करना भैया।

 

निर्मल  मन  से  भाईचारा

कायम रहे तभी तो अच्छा

कितना प्यारा  भाईचारा

सबसे हिलमिल रहना भैया।


 

पता- निदेशक- हिन्दी बाल साहित्य शोध संस्थान,

बनौली, दरभंगा ( बिहार) -847428

Tuesday, June 15, 2021

भीमराव थे बड़े महान-रमाकान्त चौधरी

 बाल-कविता  

बना गए भारत का संविधान।

भीमराव  थे     बड़े     महान। 

 

दीनजनों   के   थे रखवाले । 

समता का पाठ पढ़ाने वाले। 

शोषित   पीड़ित   वंचित को

उनका अधिकार दिलाने वाले। 

 

करके गए सब का उत्थान। 

भीमराव  थे  बड़े     महान। 

 

खूब  किताबें  पढ़ते  थे   वो। 

कलम से केवल लड़ते थे वो।

झुकना  कभी    सीखा था

ना  ही  किसी से डरते थे वो। 

 

उनको जाने सकल जहान। 

भीमराव  थे  बड़े    महान। 

 

शिक्षा का अधिकार दिलाया। 

नारी  को  सम्मान    दिलाया। 

जाति-पाति का भेद मिटाकर

मिलजुलकर जीना सिखलाया। 

 

सब   मिल करो उन्हें प्रणाम। 

भीमराव  थे     बड़े   महान। 

रमाकान्त चौधरी





पता-गोला गोकर्णनाथ जिला-खीरी

Sunday, June 13, 2021

स्वाद निराला- सतीश चन्द्र भगत

ले लो भैया गरम समोसा

खाओ भैया इडली डोसा ।

 

अजब- गजब संग चटनी वाला,

चटपट- चटपट स्वाद निराला ।

 

बोलो बोलो क्या है लेना,

नहीं अधिक है दाम देना ।

 

मेरी जेब में दस रुपैया,

जो है सस्ता दे दो भैया ।

 

गरम समोसा मीठी चटनी,

खाकर फिर पुस्तक है पढ़नी ।

निदेशक- हिन्दी बाल साहित्य शोध संस्थान

बनौली, दरभंगा ( बिहार) -847428

Friday, June 04, 2021

सुरेश सौरभ की बाल-कवितायेँ


 1 पापड़ वाला

-सुरेश सौरभ
 पापड़ ले लो पापड़ ले लो!

कुर्रम-कुर्रम पापड़ हैं

नरम-नरम पापड़ है

मुँह में रखो झटपट गायब

ऐसा बढ़िया पापड़ है।

 

2 गौरैया

 यह प्यारी गौरैया है

दाना-चुग्गा खाती है

बच्चों को खिलाती है

यह बड़ी चिलबिल्ली है

देखी इसने दिल्ली है

जैसे घर की गैया है

वैसे प्यारी गौरैया है।

 

 3 कौवे जी

 कौवे जी ओ! कौवे जी

काँव-काँव कनफोड़ू जी

तुमने इतने क्यों काले हो

क्रीम लगाओ,पाउडर लगाओ

हो जाओ तुम गोरे जी।

 

4 टिंकू भाई

 इधर दौड़ना उधर दौड़ना

फिर सीढ़ी छू वापस आना

टॉफी खाकर मुँह चिढ़ाना

सीटी वाला बाजा बजाना

काम न इनका कोई भाई

नाम है इनका टिंकू भाई।

 

  5 टकला

 कितना प्यारा टकला है

कितना चिकना टकला है

मन करता है इसपे फिसलूँ

मन करता है इसपे उछलूँ

मन करता है इसपे कुदूँ

इतना उछलूँ इतना कुदूँ

इतना उछलूँ इतना कुदूँ

बस आसमान को छू लूँ।

 

6  मोबाइल

 यह शैतान का बच्चा है

हरदम पापा के संग रहता है।

पापा इसको खूब झुलाते

दूर-दूर की सैर कराते

मुझको तनिक न भाता है

मोबाइल यह कहलाता है।

 

 7 तोंद

 बुलडोजर सी चलती है

हरदम खाती रहती है।

काम न कोई करती है

यह तोंद बड़ी निठल्ली है।

 

 8 नानी अम्मा

 नानी अम्मा आयेंगी

चिज्जी-विज्जी लायेंगी।

गौरी को खिलायेंगी

गौरी ऊधम मचायेगी।

नानी उसे दुलरायेंगी

झूला खूब झूलायेंगी।

सुरेश सौरभ

मो0-निर्मल नगर लखीमपुर-खीरी उ0 प्र0

पिन-262701 मो-7376236066

पढ़िये आज की रचना

चर्चा में झूठी-सुरेश सौरभ

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