परिक्रमा
-सुरेश
सौरभ
पहले
वह अस्पताल के 'बड़े'
साहब के पास गई। 'बड़े'
साहब ने 'छोटे'
साहब के पास भेजा। छोटे साहब ने 'उस'
साहब के पास भेजा। 'उस'
साहब ने 'फलाने'
साहब के पास भेजा,
'फलाने'
ने 'ढिकाने'
के पास भेजा। इस तरह वह दिन भर
भटकते हुए मर गई। अगले दिन अखबार में खबर छपी-प्रसव कराने लिए,
अस्पताल में भर्ती होने के लिए,
आई एक प्रसूता,सारा
दिन कोरोना जांच के लिए अपने पति के साथ यहां-वहां भटकती रही,
किसी ने उसे अस्पताल में भर्ती नहीं
किया, जिससे वह
मर गई। डीएम साहब ने उस अस्पताल के 'बड़े'
साहब को आदेश दिया है कि प्रसूता
कैसे मरी इसकी निष्पक्ष जांच करें।
निर्मल
नगर लखीमपुर खीरी
पिन-262701
मो-7376236066