'जय भीम महान'
जय भीम,
जय भीम, जय भीम...
जय-जय-जय जय भीम,
जय जय भीम महान
धरा - अम्बर में गूंजयमान यह नारा
अब तो
हुआ क्रांति और नवचेतना का संचार
मानवता भी जागृत हुई
ज्योतिर्मय जग हुआ,
हुआ सकल विहान।
नारा नहीं महज़ यह
है हमारी अस्मिता की पहचान
नव जागरण और क्रांति का प्रतीक यह
जय भीम से है हमारी शान।
नायक थे हम,
मूक थे
एकलब्य और शंबूक थे
त्रिरत्न के मंत्र ने किया हमें
गौरवान्वित और निहाल
धन्य हुए पाकर हम मानवता का
समतामूलक विधान।
देन है यह महामना की
जगा आत्म स्वाभिमान
उद्धारक हुआ न जग में कोई दूसरा
भीम सम महान।
जय भीम,
जय भीम, जय भीम...
जय-जय-जय जय भीम, जय जय भीम महान ।