इंसानियत के देवता हारे
-सुरेश
सौरभ
वह मर गई। वह एक वेश्या थी। जब लोगों को यह पता चला कि वह कोरोना मरी, तो उसके सारे आशिक और भड़ुवे भी मर गए। अब उसकी लाश लावारिस पड़ी थी।.... अब उस लाश को नगर पालिका की कूड़ा गाड़ी लिए जा रही थी।
अपने घरों से झांकते हुए लोग उसे देख रहे
थे-कह रहे थे, "बड़े-बड़े
धन्ना सेठ, नेता,
मंत्री जिसके पैरों में लोटा करते थे
आज उसी पैरों को कुत्ते भी सूंघना नहीं चाहते। वाह रे! कोरोना तेरी क्रूरता से
दुनिया हारी, दुनिया
के सारे हुस्न हारे, इंसानियत
के सारे देवता हारे।
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सुरेश सौरभ |
निर्मल
नगर लखीमपुर-खीरी उत्तर प्रदेश
मो-7376236066