साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Monday, May 24, 2021

नन्ही बिटिया

नन्ही बिटिया

डॉ. सतीश चन्द्र भगत

 Badi Ho Gayi Bitiya. - बड़ी हो गई बिटिया - Amar Ujala Kavya

नन्ही बिटिया

लेकर पथिया

पथिया में है

जामुन करिया ।

 

बेचने चली

गाँव- पेठिया

ले लो जामुन

कहती बिटिया

 

बेच-बाचकर

जामुन करिया

खुश होकर घर

आई बिटिया ।

 डॉ. सतीश चन्द्र भगत
 डॉ. सतीश चन्द्र भगत

निदेशक, हिंदी बाल साहित्य शोध-संस्थान,

बनौली दरभंगा (बिहार) पिन-847428

 


No comments:

पढ़िये आज की रचना

शेर का परिवार-अखिलेश कुमार अरुण

  व्यंग्य   (दिनांक ११ सितम्बर २०२५ को मध्यप्रदेश से प्रकाशित इंदौर समाचार पत्र पृष्ठ संख्या-१०) अखिलेश कुमार 'अरुण'  ग्राम- हज़...

सबसे ज्यादा जो पढ़े गये, आप भी पढ़ें.