साहित्य

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  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Monday, May 24, 2021

हमारे इंसानी रोबोट तुम्हारे रोबोट से कम हैं के

हमारे इंसानी रोबोट तुम्हारे रोबोट से कम हैं के

 

"हमारे रोबोट पाई-पाई का हिसाब होने तक कुंडली मारकर बैठे रहते हैं। चाहे कोई कितना भी गिड़गिड़ाए ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां, बेड, वेंटिलेटर देने से पहले भरपूर कालाबाजारी और अपना कमीशन वसूल करते हैं। मेरे देश के सबसे बड़े रोबोट का तो पूरे ब्रह्मांड में कोई सानी नहीं है। मन से चलता है। आदमी की नब्ज को पकड़ कर आँसुओं की धार भी लगा देता है।"

 

यहां तो इंसान ही रोबोट बना दिए। जापानी वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस अपने रोबोट के बारे में न केवल बता रहा था बल्कि उससे अपने निर्देशों का पालन भी करा रहा था। बहुत देर तक प्रदर्शन चलता रहा।वहां बैठे फोकटिया लाल से नहीं रहा गया। खड़े होकर बोलने लगा -ऐ भाई चुपकर, तुम और तुम्हारे रोबोट हमारे रोबोटों से क्या टक्कर लेंगे। हमारे रोबोटों का दुनियाँ भर में कोई मुकाबला नहीं है।

 Human robot head Stock Vector Image & Art - Alamy

हमारे रोबोट पाई-पाई का हिसाब होने तक कुंडली मारकर बैठे रहते हैं। हिसाब तो छोटा मोटा ही होता है मतलब केवल दस बीस लाख का। मरीज को डिस्चार्ज करना तो दूर, लाश तक परिजनों को नहीं देते हैं। चाहे कोई कितना भी गिड़गिड़ाए ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां, बेड, वेंटिलेटर देने से पहले भरपूर कालाबाजारी और अपना कमीशन वसूल करते हैं। सत्यवादी हरिश्चंद्र अपनी सत्यवादिता के कारण श्मशान में अडिग रहे थे। आधुनिक हरिश्चंद्र लाश दहन के लिए मुंहमांगी कीमत लेकर ही श्मशान में प्रवेश करने दे रहे हैं। कंधा लगाने से लेकर फूल गंगा मैया में विसर्जन करने तक, हरेक की मुंहमांगी वसूली जारी है। हर जगह मौका न चूक जाए के सिद्धांत पर अमल किया जा रहा है।

 Robots Will Now Help The Soldiers In Battlegrounds - बहुत जल्द सेना में  होगी रोबोट्स की भर्ती, यहां इस वजह से किया जा रहा है इनका निर्माण | Patrika  News

सरकारी रोबोट आदेशों का अक्षरशः पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जरूरी कामों या दवाई लेने जाते हुए आम आदमी पर थप्पड़ व लाठी भांज रहे हैं। छोटे से लेकर बड़े सरकारी रोबोट, ठेकेदार, छुटभैये नेता अपने-अपने आकाओं के लिए वे छपाई मशीन बने हुए हैं। तुमने मशीन में नकली दिमाग लगाया। हमने अच्छे खासे दिमाग की कोडिंग कर भावशून्य कर दिया है। नोट की छाप तो इस कदर दिमाग में बिठा दी है कि हर जगह अवसर की तलाश रहती है, और सबसे बड़ी बात तुम्हारे रोबोट को बार बार निर्देश देने पड़ते हैं, हमारे रोबोट एक बार की कोडिंग से आजीवन चलते हैं।

 

मेरे देश के सबसे बड़े रोबोट का तो पूरे ब्रह्मांड में कोई सानी नहीं है। मन से चलता है। आदमी की नब्ज को पकड़ कर आँसुओं की धार भी लगा देता है।

मधुर कुलश्रेष्ठ


मधुर कुलश्रेष्ठ

जिला-गुना,मध्य प्रदेश

 

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