गीत
फर्क न हो जहां ऊंच नीच का आओ ऐसा गान करें l
संविधान के
नायक का मिलकर
हम सम्मान करें l
खोकर जिसने नींदें अपनी सबको यार जगाया था l
लड़कर जिसने
पाखंडों से परिवर्तन ले आया था l
संघर्षों के
दिव्य पुरुष को
भूलें न हम ध्यान करें,
संविधान के नायक का
मिलकर हम सम्मान करें l
कदम-कदम पर नई चुनौती
रोज़ मुसीबत झेले थे l
भारत मां के लाल थे बाबा साब
खाए यहां पर खेले थेl
वक़्त गवाही देता है कि हम
उन पर अभिमान करें,
संविधान के नायक का मिलकर हम सम्मान करें l
महापुरुष बन आए भारत जग में अपना नाम किया l
कोई नहीं कर पाया था जो, आपने
ऐसा काम किया l
अभिवादन इस महापुरुष का हम सारे गुणगान करें,
संविधान के
नायक का मिलकर
हम सम्मान करें l
शिव
सिंह सागर
बन्दीपुर हथगाम फतेहपुर
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