साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Wednesday, December 01, 2021

जादूगर आया-सुरेश सौरभ

  लघुकथा  

सुरेश सौरभ 

   जादूगर एक शहर में आया , झोला खोला सामान निकाला । बांसुरी बजाई , डमरू बजाया लोगों को इकट्ठा किया । जादू शुरू किया । कभी रसगुल्ला , कभी जलेबी , कभी कूकर , कभी घी , कभी लैपटॉप कभी पुराने नोट , कभी नये नोट कभी खनखनाते सोने-चांदी के सिक्के , जादू से बना-बनाकर सबको चौंकाता । लोग लालच भरी , हैरत भरी नज़रों से देखते हुए हतप्रभ थे । 
       काफी देर बाद खेल खत्म हुआ । तमाशबीनों ने उसे पैसे दिए , किसी ने अनाज दिया तो कई कंगले खाली दुआएं देते हुए अगली बार कुछ देने का वादा करके अपनी राह हो लिए ।  जादूगर ने सारे पैसे बटोरे अनाज आदि सब अपना सामान झोले में भरा और चल पड़ा दूसरे शहर में जादू दिखाने । 
      यह जादूगर हर पांच साल बाद शहर-शहर गाँव-गाँव सबको ठगता फिर रहा है ।


निर्मल नगर लखीमपुर-खीरी उत्तर प्रदेश
मो-7376236066

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