साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Wednesday, December 29, 2021

झूठ मचाता शोर-जयराम जय

नवगीत

बेहूदे ने समय देखकर
खीसे दिया निपोर
दो कौड़ी का ढोंगी कहता
राष्ट्रभक्त को चोर 

स्वतंत्रता के युद्ध से जिनका
रहा न कोई नाता
राष्ट्रद्रोहियों को संसद में
राष्ट्रभक्त बतलाता 

जान बूझकर शब्द-शब्द में
ज़हर रहा है घोर 

धर्म का फ़र्जी चोला ओढ़े
चंदन तिलक लगाए
झूंठ-मूठ के मंत्र फूककर
बुद्धी है पलटाए 

सत्य हमेशा शांत रहा है
झूठ मचाता शोर 

पाठ पढ़ाया गया है जितना
उतना पढ़ता पट्टू
भौक रहा है सभी जानते 
है वो बड़ा निखट्टू 

हालत पतली देख के,पट्ठा
लगा रहा है जोर 

आखिर कितना और करेगा 
करले तू मनमानी
वख्त एक सा नहीं रहा है
बतलाते सब ज्ञानी 

रात अभी है काली लेकिन 
कल फिर होगी भोर.
'पर्णिका'बी-11/1,कृष्ण विहार,आवास विकास,
कल्याणपुर,कानपुर-208017(उ.प्र.)
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पढ़िये आज की रचना

मौत और महिला-अखिलेश कुमार अरुण

(कविता) (नोट-प्रकाशित रचना इंदौर समाचार पत्र मध्य प्रदेश ११ मार्च २०२५ पृष्ठ संख्या-1 , वुमेन एक्सप्रेस पत्र दिल्ली से दिनांक ११ मार्च २०२५ ...

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