साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Friday, December 10, 2021

तिबारा-सुरेश सौरभ

लघुकथा

    स्कूल में मध्याह्न भोजन बन रहा था । सारे बच्चों को कढ़ी चावल बांटा गया । एक बालिका कढ़ी चावल खाते हुए रसोइये के पास दुबके-दुबके गयी, बोली- थोड़ा सा और दे दो भैया । 
   'कितना खायेगी , तिबारा मांग रही है -रसोइया चिढ़कर बोला ।
     'अरे मुझे पूरा भगोना दे दो मैं पूरा भगोना खा जाऊंगी ।' बालिका के शब्द सुनकर रसोइया और सारी अध्यापिकाएं हतप्रभ रह गयीं ।
निर्मल नगर लखीमपुर-खीरी
उत्तर प्रदेश
मो-7376236066

पढ़िये आज की रचना

मौत और महिला-अखिलेश कुमार अरुण

(कविता) (नोट-प्रकाशित रचना इंदौर समाचार पत्र मध्य प्रदेश ११ मार्च २०२५ पृष्ठ संख्या-1 , वुमेन एक्सप्रेस पत्र दिल्ली से दिनांक ११ मार्च २०२५ ...

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