सावित्री बाई पर विशेष कविता
जन्म 03 जनवरी 1831 मृत्यु 10 मार्च 1897
मां सावित्री बाई फूले को
समझें उनका त्याग और तप
फिर उनका सतकार करें ||
अट्ठारह सौ इकत्तीस की
तीस जनवरी खास बनी |
जन्मी सावित्री बाई और
दुनियां का इतिहास बनी ||
आओ हम भी सादर उनको
भेट पुष्प उपहार करें |
समझें उनका त्याग और तप
फिर उनका सतकार करें ||
पिता श्री खांडोजी नेवसे
पाटिल एक किसान थे |
मांता पूज्य लक्ष्मी बाई
पति जोतिबा महान थे ||
सहयोगी फातिमा शेख का
याद सदा उपकार करें |
समझें उनका त्याग और तप
फिर उनका सतकार करें ||
जब भारत में महिलाओं को
पढ़ने का अधिकार ना था |
किसी क्षेत्र में नर से आगे
बढ़ने का अधिकार ना था ||
तब शिक्षा अपनाई जिन्होंने
उनका प्रकट आभार करें |
समझें उनका त्याग और तप
फिर उनका सतकार करें ||
शिक्षा से वंचित लोगों को
शिक्षा का अधिकार दिया |
घर से बेघर होकर के भी
विद्यालय उपहार दिया ||
उनके विद्यालय का सपना
आओ हम साकार करें |
समझें उनका त्याग और तप
फिर उनका सतकार करें ||
संत जोतिबा राव फुले ने
सावित्री को ज्ञान दिया |
और सावित्री बाई फूले ने
नारी को सम्मान दिया ||
नारी के सम्मान का फिर
आओ हम विस्तार करें |
समझें उनका त्याग और तप
फिर उनका सतकार करें ||
नेकी के खातिर अपनो ने
घर से जिन्हें निकाल दिया |
सामन्ती लोगों ने जिनके
ऊपर कीचड़ डाल दिया ||
प्रथम शिक्षिका का यह सच
आओ हम स्वीकार करें |
फिर उनका सतकार करें ||
जिन्होंने अपना सारा जीवन
मानवता के नाम किया |
जिन्होंने चैन दिया बेचैन को
और राष्ट्रहित काम किया ||
ऐसी विद्या की देवी पर
आओ और विचार करें |
समझे उनका त्याग और तप
फिर उनका सतकार करें ||