कवि श्याम किशोर बेचैन |
08 जनवरी 1880
बौद्घ धम्म ध्वज के बारे में आओ जरा विचार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।।
आओ तथागत के ध्वज का आदर और सतकार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।।
बौद्ध धम्म का ध्वज दुनिया को देता है संदेश बड़ा ।
पंच शील का इस ध्वज में है छुपा हुआ उपदेश बड़ा ।।
बौद्ध धम्म के उपदेशों आओ हम विस्तार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।।
नीला रंग ये आसमान का कहता हृदय विशाल करो ।
पीला रंग ये बता रहा है जन जीवन खुशहाल करो ।।
आओ इन रंगो को अपने जीवन का आधार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।।
लाल रंग गतिशील बनाकर उर्जावान बनाता है ।
स्वेत रंग है शांति का सूचकऔर समृद्धि का दाता है ।।
रंगो के भावार्थ समझ कर खुद पर एक उपकार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।।
केसरिया रंग त्याग और बलिदान पाठ पढ़ाता है ।
बौद्ध धम्म का ध्वज मानव में मानवता भर जाता है ।।
चैन बेचैन को देने वाले धम्म का आओ प्रचार करें ।
नजर अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।
पता-संकटा देवी बैंड मार्केट लखीमपुर खीरी