साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Saturday, January 08, 2022

विश्व बौद्ध धम्म ध्वज-कवि श्याम किशोर बेचैन

कवि
श्याम किशोर बेचैन
विश्व बौद्ध धम्म ध्वज दिवस  पर विशेष    
08 जनवरी 1880


बौद्घ  धम्म ध्वज  के बारे में  आओ जरा  विचार करें ।
नजर अगर आए  सच्चाई  तो  सादर   स्वीकार  करें ।।

आओ तथागत के ध्वज का आदर और सतकार करें ।
नजर  अगर आए सच्चाई तो सादर स्वीकार करें ।।

बौद्ध धम्म का  ध्वज दुनिया  को देता है  संदेश बड़ा ।
पंच शील का इस ध्वज में है छुपा हुआ उपदेश बड़ा ।।

बौद्ध  धम्म  के  उपदेशों   आओ  हम  विस्तार  करें ।
नजर  अगर आए  सच्चाई तो  सादर  स्वीकार  करें ।।

नीला रंग ये आसमान का कहता हृदय विशाल करो ।
पीला रंग ये बता रहा है  जन जीवन  खुशहाल करो ।।

आओ  इन  रंगो को  अपने  जीवन का  आधार करें ।
नजर  अगर आए  सच्चाई तो  सादर  स्वीकार  करें ।।

लाल  रंग  गतिशील  बनाकर   उर्जावान  बनाता  है ।
स्वेत रंग है शांति का सूचकऔर समृद्धि का दाता है ।।

रंगो के भावार्थ समझ कर खुद पर एक उपकार करें ।
नजर  अगर आए  सच्चाई तो  सादर  स्वीकार  करें ।।

केसरिया  रंग  त्याग और  बलिदान  पाठ  पढ़ाता है ।
बौद्ध धम्म का ध्वज मानव में मानवता भर जाता है ।।

चैन  बेचैन को  देने वाले  धम्म का आओ प्रचार करें ।
नजर  अगर आए  सच्चाई  तो  सादर  स्वीकार  करें ।

पता-संकटा देवी बैंड मार्केट लखीमपुर खीरी

No comments:

पढ़िये आज की रचना

चर्चा में झूठी-सुरेश सौरभ

(फिल्म समीक्षा)      एक मां के लिए उसका बेटा चाहे जैसा हो वह राजा बेटा ही होता है, बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, जिन्हें हम अपने विचार...

सबसे ज्यादा जो पढ़े गये, आप भी पढ़ें.