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एन०एल० वर्मा (असो.प्रोफ़ेसर) वाणिज्य विभाग वाईडीपीजी कॉलेज,लखीमपुर खीरी |
साहित्य
- जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
- लखीमपुर-खीरी उ०प्र०
Monday, May 30, 2022
क्या संविधान के भविष्य को लेकर डॉ.आंबेडकर के मन में उपजी तत्कालीन आशंकाएं आज पुष्ट होती दिख रही है-नन्दलाल वर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर)
Tuesday, May 24, 2022
इंजन-सुरेश सौरभ
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-सुरेश सौरभ निर्मल नगर लखीमपुर-खीरी पिन-262701 मो-7376236066 |
प्यार का एहसास-विकास कुमार
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विकास कुमार अन्छा दाउदनगर, औरंगाबाद बिहार |
Monday, May 23, 2022
समानता, स्वतन्त्रता,निष्पक्षता, निर्विवादिता और बंधुता के पर्याय : डॉ. भीमराव आंबेडकर : एक निर्भीक - अपराजेय नायक-नन्दलाल वर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर)
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एन०एल० वर्मा (असो.प्रोफ़ेसर) वाणिज्य विभाग वाईडीपीजी कॉलेज,लखीमपुर खीरी |
Friday, May 06, 2022
राज्यसभा और विधान परिषदों में भी लागू हो एससी और एसटी के लिए आरक्षण और ओबीसी के लिए भी हो एससी-एसटी की तरह राजनीतिक आरक्षण-नन्दलाल वर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर)
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एन०एल० वर्मा (असो.प्रोफ़ेसर) वाणिज्य विभाग वाईडीपीजी कॉलेज,लखीमपुर खीरी |
Wednesday, May 04, 2022
अगले पेज की खबर-रमाकान्त चौधरी
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रमाकान्त चौधरी ग्राम -झाऊपुर, लन्दनपुर ग्रंट, जनपद लखीमपुर खीरी उप्र। सम्पर्क - 9415881883 |
Sunday, April 24, 2022
संतू जाग गया, पक्की दोस्ती का विमोचन सम्पन्न हुआ
घायल है कानून व्यवस्था-रमाकान्त चौधरी
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गोला गोकर्ण नाथ लखीमपुर खीरी मोब 94 15 88 18 83 |
Saturday, April 23, 2022
जातिवार जनगणना कोई राजनैतिक मुद्दा नहीं,बल्कि डॉ.आंबेडकर के सपनों और भारतीय संविधान अनुरूप राष्ट्र-निर्माण और विकास के लिए जरूरी है जिसकी गणना साठ के दशक के शुरू में ही हो जानी चाहिए थी है-नन्दलाल वर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर)
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एन०एल० वर्मा (असो.प्रोफ़ेसर) वाणिज्य विभाग वाईडीपीजी कॉलेज,लखीमपुर खीरी |
Wednesday, April 20, 2022
ईडब्ल्यूएस आरक्षण कितना न्यायसंगत एवं व्यावहारिक - एक नयी बहस को जन्म देता मुद्दा-नन्दलाल वर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर)
Monday, April 18, 2022
वर्तमान राजनीतिक सत्ता/लोकतंत्र के संदर्भ में : सबसे बुरे संकट के दौर से गुजरती डॉ.आंबेडकर की वैचारिकी: तथ्यपरक विश्लेषण- नन्दलाल वर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर)
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नन्दलाल वर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर) युवराजदत्त महाविद्यालय,लखीमपुर-खीरी |
डॉ.आंबेडकर की उस समय व्यक्त की गई चिंताएं और आशंकाएं आज सच साबित होती दिख रही हैं। निःसंदेह कहा जा सकता है कि आज की सत्ता के दौर में संविधान,संवैधानिक संस्थाएं और लोकतंत्र ख़तरे में है!ईडी, सीबीआई, चुनाव आयोग और न्यायपालिका सत्ता के इशारे पर काम करती दिखती हैं। आम आदमी की आवाज़ मीडिया का अधिकांश हिस्सा सरकार की विज्ञापन एजेंसीज की तरह काम कर रहा है। सरकार की नीतियों के प्रति असहमति और आलोचना को देश द्रोह मानकर क़ानूनी कार्रवाईयां की जा रही हैं।
Sunday, April 17, 2022
अर्पित पुष्प-डॉ० सरस्वती जोशी
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स्व ० बीना रानी |
Thursday, April 14, 2022
चौदह अप्रैल में लंदनपुर- रमाकांत चौधरी एडवोकेट
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रमाकांत चौधरी एडवोकेट |
गली व नगर की सफाई हुई है,
रंगाई हुई है पुताई हुई है,
चमाचम चमकने लगे घर सभी के,
खुशियों से भरने लगे घर सभी के,
द्वारे पर रंगोली सजने लगी है,
युवाओं की टोली निकलने लगी है,
बजा बैंड बाजा थिरकने लगे सब,
जयभीम जयभीम कहने लगे सब,
खुशी से मगन है चाचा व चाची,
उनकी छोटी बिटिया जी भर के नाची,
ना डर है किसी को किसी का किसी से,
प्यार से मिल रहे लोग सब सभी से,
चौदह अप्रैल सबसे आला हुआ है।
लंदनपुर का जलवा निराला हुआ है।
आगे चले भीमराव जी की झांकी,
साहू जी की झांकी बुद्ध फुले की झांकी,
हजारों लोग संग चले जा रहे हैं,
बाबा साहब की जय-जय कहे जा रहे हैं,
कोई पैदल चले कोई ट्राली पर बैठा,
कोई रूठा - रूठा चले ऐंठा - ऐंठा,
नई साड़ी पहन इतराती फिरें,
दादी बाबा को आंखें दिखाती फिरें,
महेंदर की बीवी जितेंदर की भाभी,
न माने किसी की भरे खूब चाबी,
खुद भी वे नाचे नचावें सभी को,
गीत बाबासाहब के गवावें सभी को,
हर शख्स बस जयभीम वाला हुआ है।
लंदनपुर का जलवा निराला हुआ है।
दादी व पोती का लफड़ा हुआ है,
आगे बैठइ की खातिर ये झगड़ा हुआ है,
हँसि - हँसि मजा सब लिए जा रहे हैं,
बुद्ध फूले की जय-जय किए जा रहे हैं,
लड़िका डीजे का वॉल्युम फुल पर किए हैं,
मारे खुशी के वै मन की किए हैं,
कभी दौड़ि पीछे कभी आगे - आगे,
रैली के मुखिया फिरें भागे - भागे,
न माने किसी की करें जोरा - जोरी,
नीला गुलाल सब लगावें छोरा - छोरी,
नीला झंडा सभी लहराते फिरें,
हीरो माफिक वै रुतबा दिखाते फिरें,
बुरी नजर वालों का मुंह काला हुआ है।
लंदनपुर का जलवा निराला हुआ है।
पसीना - पसीना नहाए हैं सब,
बैंड वाले का मिलिके थकाए हैं सब,
संभाले न संभले ये भीम जी का रेला,
फैल इसके आगे सब दुनिया का मेला,
बाबासाहब के दर्शन करें ग्रामवासी,
उनके लिए बस यही मथुरा काशी,
आरती उतारे उनकी पुष्प चढ़ावें,
बाकी सभी का वै शरबत पिलावें,
मिला जो हमें सब इन्हीं की बदौलत,
कुर्बान चरणन मा इनके सब दौलत,
पूरे बरस वे चिंतित रहे हैं,
जो जुलूस में जाने से वंचित रहे हैं,
भीम जैसा न कोई रखवाला हुआ है।
लंदनपुर का जलवा निराला हुआ है।
Tuesday, April 12, 2022
शोषितों- वंचितों के लिए निर्भीकता की मिसाल और मसाल हैं और विद्यार्थियों के लिए बेमिसाल आदर्श/प्रेरक व्यक्तित्व हैं डॉ.आंबेडकर:नन्द लाल वर्मा
"उनकी जीवन संघर्ष की गाथा संजीदगी और ईमानदारी के साथ जो पढ़ेगा, उसकी आंखें एक बार भीगती या डबडबाती जरूर नज़र आएंगी.....आंबेडकरवादी बनने की इस मिथ्या परंपरा या पहचान से बाहर निकलकर डॉ.आंबेडकर की तरह अपने को शिक्षा की भट्ठी में तपाना होगा।"
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एन०एल० वर्मा एसोसियेट प्रोफ़ेसर (युवराज दत्त महाविद्यालय) |
Sunday, April 10, 2022
मध्यप्रदेश के अब ‘भेडि़या राज्य’ बनने के निहितार्थ...अजय बोकिल
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अजय बोकिल |
पढ़िये आज की रचना
अछूत के सिकयित-हीरा डोम
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