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गोला गोकर्ण नाथ लखीमपुर खीरी मोब 94 15 88 18 83 |
घायल है कानून व्यवस्था,संविधान पर ताले हैं।
संसद में जो बैठें हैं, सब सत्ता में मतवाले हैं।
भरी भीड़ में नारी के जब वस्त्र उतारे जाते।
संसद में बैठे मंत्री जी तनिक नही शरमाते।
बंद किए आंखें सबके सब देश के जो रखवाले हैं।
संसद में जो बैठें हैं, सब सत्ता में मतवाले हैं।
निर्दोषों पर चले लाठियां,दोषी सब बच जाते।
बन के दल्ले घूम रहे ,वे राम नाम गुण गाते।
सबके सब हैँ चोर उचक्के, सब ही देखे भाले हैँ।
संसद में जो बैठें हैं, सब सत्ता में मतवाले हैं।
संविधान की पीड़ा का मैं किसको दर्द सुनाऊँ।
आंसू पोंछू भारत के या खुद ही अश्क बहाऊँ।
ऐसी अजब व्यवस्था में हम कैसे खुद को संभाले हैं।
संसद में जो बैठें हैं, सब सत्ता में मतवाले हैं।
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