साहित्य

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  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Friday, August 06, 2021

हिरोशिमा, शिन और उसकी तिपहिया साइकिल-तत्सुहारू कोडामा

सभ्य मानव की बर्बर कहानी
हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरने के ठीक 4 दिन पहले शिन को उसके तीसरे जन्मदिन पर चटक लाल रंग की तिपहिया साइकिल उसके चाचा ने दी थी। उस समय बच्चों के लिए साइकिल बहुत बड़ी चीज़ थी, क्योंकि उस वक़्त जापान में लगभग सभी उद्योग युद्ध-सामग्री बनाने में लगे हुए थे। 
शिन दिन भर साइकिल पर सवार रहता। सोते समय भी वह साइकिल का हत्था पकड़ कर ही सोता। 6 अगस्त की सुबह वह रोते हुए उठा। शायद उसने सपने में देखा कि उसकी साइकिल चोरी हो गयी है। बगल में हंसती साइकिल को देखकर वह अचानक चुप होकर मुस्कुराने लगा और तुरन्त साइकिल पर सवार हो गया। 
सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर जब परमाणु बम गिरा तो शिन अपनी तिपहिया साइकिल से एक शरारती तितली का पीछा कर रहा था।
बाद में जब मलबे से शिन का शव निकाला गया तो उस वक़्त भी शिन साइकिल के हत्थे को मजबूती से पकड़े हुए था, मानो साइकिल चोरी का डर अभी भी उसे सता रहा हो।
साइकिल के प्रति शिन के इस लगाव को देखते हुए उसके पिता ने जली हुई साइकिल को भी शिन के साथ दफना दिया।
कुछ वर्षों बाद शिन के पिता को लगा कि शिन की कहानी दुनिया के सामने आनी चाहिए। उसके बाद उसने कब्र से साइकिल निकाल कर म्यूज़ियम (Hiroshima Peace Memorial Museum ) में रखवा दिया। तब दुनिया को शिन के बारे में पता चला। 
इसी म्यूज़ियम में शिन की साइकिल के बगल में एक घड़ी भी रखी है, जो ठीक 8 बजकर 15 मिनट पर बन्द हो गयी थी। 
हमने सुना था कि समय कभी रुकता नहीं। लेकिन 6 अगस्त को 8 बजकर 15 मिनट पर समय वास्तव में रुक गया था।
म्यूज़ियम की यह रुकी घड़ी मानो इस जिद में रुकी हो कि जब तक शिन वापस आकर इस घड़ी में चाभी नहीं भरेगा, वह आगे नहीं बढ़ेगी। ठीक शिन की साइकिल की तरह जो अभी भी म्यूज़ियम में उदास खड़ी शिन का इंतज़ार कर रही है।
हिरोशिमा-नागासाकी में तमाम लोग ही नहीं मारे गए, उनसे जुड़ी असंख्य कहानियां भी मारी गयी। यानी शिन के साथ वह तितली भी 1000 डिग्री सेल्शियस में जल कर 'अमूर्त' हो गयी, जिसका पीछा शिन कर रहा था।
'सभ्य' समाज की 'सभ्यता' का इससे अच्छा उदाहरण और क्या हो सकता है।

(नोट: तत्सुहारू कोडामा (Tatsuharu Kodama) ने अपनी पुस्तक 'SHIN'S TRICYCLE' में विस्तार से इस कहानी को लिखा है।)

#मनीष आज़ाद, Amita Sheereen जी की वाल से साभार

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