साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Monday, May 24, 2021

संविधान के नायक

 

गीत

 

फर्क न हो जहां ऊंच नीच    का आओ ऐसा गान करें l

संविधान  के  नायक  का   मिलकर  हम सम्मान करें l

डा. बाबा साहब अंबेडकर की जीवनी | Biography, Profile of Dr. Bhimrao Ambedkar  in Hindi - Hindi Oneindia

खोकर जिसने नींदें  अपनी   सबको यार जगाया था l                        

लड़कर  जिसने   पाखंडों से  परिवर्तन  ले आया था l

संघर्षों  के  दिव्य  पुरुष  को  भूलें    हम ध्यान करें,

संविधान  के नायक का   मिलकर हम   सम्मान करें l

 

कदम-कदम पर नई  चुनौती   रोज़ मुसीबत  झेले थे l

भारत मां के लाल थे बाबा साब खाए यहां पर खेले थेl

वक़्त गवाही देता है  कि   हम उन पर  अभिमान करें,

संविधान   के नायक  का  मिलकर  हम  सम्मान करें l

 The Shudra on Twitter: "'मुझे मूर्तियों में नहीं, किताबों में ढूँढों' बाबा  साहब के विचारों के महत्व पर @lokeshukey0501 का कार्टून… "

महापुरुष  बन आए भारत जग में अपना नाम किया l

कोई नहीं कर  पाया था जो, आपने ऐसा काम किया l

अभिवादन इस  महापुरुष का हम सारे गुणगान  करें,

संविधान  के  नायक  का  मिलकर  हम  सम्मान करें l

 


                  शिव सिंह सागर

                       बन्दीपुर हथगाम फतेहपुर

शिव सिंह सागर की चार बाल-कवितायेँ

 

           चन्दर की गुलेल 

 गुलेल के निशाने पर राष्ट्रीय पक्षी

चन्दर   ने   बनाई एक  गुलेल l

तोड़    रहा   था   उससे  बेल l

कंकड़   धरकर    उसने  मारा,

हुआ   निशाना   उसका  फेल l

 

एक    नहीं   दो - चार  प्रयास l

छोड़ी  न तब भी  उसने आस l

फिर से   उसने  साधा निशाना,

बेल तोड़ कर   फिर वो  माना l

 

हम भी जो फिर जिद में आएं l

बड़े - बड़े    लक्ष्यों   को  पाएं l

सीख   हमें   दे  गया  ये  खेल,

भा गई  हमको   प्यारी  गुलेल l

 

काश ! मैं पंछी बन जाता 

What is Panch Pakshi Shastra or Pakshi Shastra, Know about them | क्या है  पंच पक्षी शास्त्र या पाक्षी शास्त्र आइए जानते हैं - दैनिक भास्कर हिंदी 

काश !  मैं   पंछी  बन  जाता l

सब   तारों  से  हाथ मिलाता l

 

हवा में उड़-उड़ खेला करता l

किसी  बात से  फिर न डरता,

चाहे  जहाँ  मैं  आता- जाता l

सुबह     सवेरे  शोर   मचाता,

जो मन करता वो फल खाता l

काश ! मैं   पंछी   बन  जाता l

 

अपने  घर  से   नानी   के घर l

उड़ता  रहता    फर  फर फर,

परियों   के   संग  यारी  होती l

कितनी   मौज   हमारी  होती,

सरहद   कोई   रोक    पाता l

काश !  मैं   पंछी   बन  जाता l

 

आया मौसम गर्मी का 

 Election Beshakh Maah 2019 Chaitr Garmi Summer Candidate Prachaar -  Election 2019: ...तो बैशाख की गर्मी से भी दो दो हाथ करने पड़ेंगे  प्रत्याशियों को ! | Patrika News

फर-फर -फर-फर   हवा  चली,

आया     मौसम    गर्मी   का l

शुरू हुआ फिर   दौर ये देखो,

सूरज       की    बेशर्मी   का l

 

झुलस गए  सब बाग - बगीचे,

झुलस  गई   बच्चों की काया l

आठ बजे हैं घड़ी में अब तक,

सूरज  देखों    सर पर  आया l

 

चैन  कहीं   भी   नहीं   हमको,

कूलर  से  आकर  चिपक गए l

बच्चे    हम      तो    बच्चे हैं,

बड़े   भी  घर  में   दुबक  गए l

 

 

        गोलू की  नाव  

EK SHIKAYAT UNSE: कागज की नाव 

गोलू  ने   इक    नाव   बनाया l

पानी    पर      उसको  तैराया l

कहीं से आया  हवा का झोंका l

आकर उसकी  नाव को रोका l

देख    उसे      गोलू    मुर्झाया l

गोलू  ने   इक    नाव   बनाया l

 

तभी   कहीं  से काजल  आई l

उसने   आकर  युक्ति  सुझाई l

भैया     मेरे    मत   घबराओ l

चलो  नाव एक  और बनाओ l

सुन    ऐसा      गोलू   हर्षाया l

गोलू  ने   इक    नाव  बनाया l

 

 

शिव सिंह सागर

                                शिव सिंह सागर

                          बन्दीपुर हथगाम फतेहपुर

नौटंकीबाज बच्चा

नौटंकीबाज बच्चा

 

 -सुरेश सौरभ

        सरकारी स्कूल के बच्चे मैदान में खेल रहे थे। तभी एक बच्चा रोते हुए, भागते हुए, मास्टर जी के पास आया, उसके पीछे, उसके साथ खेलने वाले कुछ बच्चे भी आ गये। रोता हुआ वह बच्चा मास्टर जी से चिंहुकते हुए बोला-मास्टर जी ये सब मिलकर मुझे मार रहें है।

how to deal with naughty kids: बहुत अधिक शरारती बच्चों को होती है यह मानसिक  दिक्कत - how to deal with naughty kids mental disorder adhd in hindi |  Navbharat Times

  "हाय! कित्ता झूठ बोलता हैं यह खुद हम को धड़ाधड़ मार के आ रहा है, ऊपर से, हमारे ऊपर झूठा आरोप लगा रहा है-एक बच्चा मास्टर जी से हैरानी से बोला।

 वह बच्चा रोता रहा।

 "हां हां म...ऽ ऽ मास्टर जी, ये बिलकुल झूट्ठा है-दूसरा बच्चा हकलाते हुए जल्दी-जल्दी में बोला।

बच्चे ने अपना रूदन और तेज का दिया।

  "हां हां मास्टर जी, ये बहुत बड़ा नौटंकीबाज है।... इसका बाप भी बड़ा नौटंकीबाज है, इसका दादा भी नौटंकीबाज है, इसका पूरा खानदान नौटंकीबाज है।....ऐसे ही दूसरो को ये लोग पीटते हैं, मारते हैं और उल्टा रोते हुए थाने में चले जाते हैं ताकि इनका बाल बांका न हो और उल्टा इनसे पिटनेवाला दुबारा फिर पिट जाए पुलिस से।

   अब रोता हुआ वह बच्चा आसमान सिर पर उठा कर कुत्ते जैसा बिलख-बिलख कर रोने लगा।

  "मास्टर जी मेरी गलती नहीं... मास्टर जी यह झूठा, यह मक्कार है! यह धोखेबाज है।.. रोने वाले बच्चे से पिटे बच्चे, दुबारा मास्टर जी से न पिटे, इसलिए अपनी पूरी सफाई देने लगे। 

     अब लड़के का रूदन राग पंचम स्वर में था। मास्टर जी ने अपना माथा पीट कर, एक संटी उठाई। दड़बड़ाते हुए बोले-नालायकों एक साधु से लगने वाले बच्चे को खामखा परेशान कर रहे हो। शिकायती सारे बच्चे फुर्र से फौरन उड़ गए। अब मास्टर जी रोते हुए उस बच्चे के सिर पर हाथ फेर रहे थे। रोने वाला नौटंकीबाज बच्चा, अपनी आंखों में हंस रहा था, मन में कह रहा था, नौटंकीबाजों से दुनिया हारी है।

 


लेखक- सुरेश सौरभ

निर्मल नगर लखीमपुर खीरी

पिन-262701

परिक्रमा

 Doctor Is Missing Without Notice, Action Will Be Taken - बिना सूचना के गायब  हैं डॉक्टर, होगी कार्रवाई | Patrika News

परिक्रमा

-सुरेश सौरभ


पहले वह अस्पताल के 'बड़े' साहब के पास गई। 'बड़े' साहब ने 'छोटे' साहब के पास भेजा। छोटे साहब ने 'उस' साहब के पास भेजा। 'उस' साहब ने 'फलाने' साहब के पास भेजा, 'फलाने' ने 'ढिकाने' के पास भेजा। इस तरह वह दिन भर भटकते हुए मर गई। अगले दिन अखबार में खबर छपी-प्रसव कराने लिए, अस्पताल में भर्ती होने के लिए, आई एक प्रसूता,सारा दिन कोरोना जांच के लिए अपने पति के साथ यहां-वहां भटकती रही, किसी ने उसे अस्पताल में भर्ती नहीं किया, जिससे वह मर गई। डीएम साहब ने उस अस्पताल के 'बड़े' साहब को आदेश दिया है कि प्रसूता कैसे मरी इसकी निष्पक्ष जांच करें।

 

सुरेश सौरभ

निर्मल नगर लखीमपुर खीरी

पिन-262701

मो-7376236066

इंसानियत के देवता हारे

इंसानियत के देवता हारे

-सुरेश सौरभ

 

इंसानियत और सामाजिक रिश्तों को शर्मसार करने वाली खबर » Khabar Satta

       वह मर गई। वह एक वेश्या थी। जब लोगों को यह पता चला कि वह कोरोना मरी, तो उसके सारे आशिक और भड़ुवे भी मर गए। अब उसकी लाश लावारिस पड़ी थी।.... अब उस लाश को नगर पालिका की कूड़ा गाड़ी लिए जा रही थी। 

          अपने घरों से झांकते हुए लोग उसे देख रहे थे-कह रहे थे, "बड़े-बड़े धन्ना सेठ, नेता, मंत्री जिसके पैरों में लोटा करते थे आज उसी पैरों को कुत्ते भी सूंघना नहीं चाहते। वाह रे! कोरोना तेरी क्रूरता से दुनिया हारी, दुनिया के सारे हुस्न हारे, इंसानियत के सारे देवता हारे।

सुरेश सौरभ

-सुरेश सौरभ

निर्मल नगर लखीमपुर-खीरी उत्तर प्रदेश

मो-7376236066

नन्ही बिटिया

नन्ही बिटिया

डॉ. सतीश चन्द्र भगत

 Badi Ho Gayi Bitiya. - बड़ी हो गई बिटिया - Amar Ujala Kavya

नन्ही बिटिया

लेकर पथिया

पथिया में है

जामुन करिया ।

 

बेचने चली

गाँव- पेठिया

ले लो जामुन

कहती बिटिया

 

बेच-बाचकर

जामुन करिया

खुश होकर घर

आई बिटिया ।

 डॉ. सतीश चन्द्र भगत
 डॉ. सतीश चन्द्र भगत

निदेशक, हिंदी बाल साहित्य शोध-संस्थान,

बनौली दरभंगा (बिहार) पिन-847428

 


पढ़िये आज की रचना

चर्चा में झूठी-सुरेश सौरभ

(फिल्म समीक्षा)      एक मां के लिए उसका बेटा चाहे जैसा हो वह राजा बेटा ही होता है, बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, जिन्हें हम अपने विचार...

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