हे संविधान के निर्माता
हे रमापति, यशवंत पिता, हे रामजीराव के लाल चौदहवे।
तुलसा,मंजुला के लाडले भैया,भीमा मैया के राज दुलारे।
हे परमपूज्य हे बोधिसत्व, हे ज्ञान के सागर भीमराव,
तुमने मोड़ी उस धारा को जिसमें बहता था उलटा बहाव।
हे अर्थशास्त्री, समाज शास्त्री,हे राजनीति के परम पुरोधा
हार गए वो सब के सब जो कहते थे खुद को योद्धा।
मानवता के दुश्मन कांपे, मन में अटल विश्वास रहे।
जबतक धरती .चाँद सितारे,सूरज,नीला आकाश रहे।
हे संविधान के निर्माता हर ह्रदय में तुम्हारा वास रहे।।
हे समाजसुधारक ,विधिवेत्ता,हे मनुवाद के नाशक तुम।
दुश्मन की छाती पर खंजर, हे बहुजन के उद्धारक तुम।
जातिवाद के विध्वंसक, समता का पाठ पढ़ाने वाले।
अगणित,अगनित दुखों से शोषित को मुक्त कराने वाले।
सदियों से शोषित नारी को तुमने सम्मान दिलाया था।
मानव को मानव होने का तुमने अहसास कराया था।
रमाकान्त परिवार सहित चरणों का तुम्हारे दास रहे।
जबतक धरती ,चाँद सितारे,सूरज,नीला आकाश रहे।
हे संविधान के निर्माता हर ह्रदय में तुम्हारा वास रहे।।
हे भारत की अमूल धरोहर, हे भारत के स्वाभिमान।
दुनिया के कोने - कोने में, होता है तुम्हारा यश गान।
हे भारतरत्न भीम बाबा, हे भारत के भाग्य विधाता ।
हे बहुजन के दीनबन्धु, हे गाँधी के जीवनदाता।
शिक्षित बनो,संगठित रहो, संघर्ष करो ये बतलाया।
वैज्ञानिक धर्म बुद्ध का देकर,सत्य का मार्ग हमें दिखलाया।
जबतक लहराए तिरंगा अपना,मन में भरा उल्लास रहे।
जबतक धरती ,चाँद सितारे,सूरज,नीला आकाश रहे।
हे संविधान के निर्माता हर ह्रदय में तुम्हारा वास रहे।
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ग्राम - झाऊपुर, लंदनपुर ग्रंट,
गोला गोकर्णनाथ, लखीमपुर खीरी।
उत्तर प्रदेश।
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