अपने जन्मदिन पर विशेष
मेरे जन्म का प्रमाण पापा जी के द्वारा हस्तलिखित |
आज फेसबुक
चुपके-चुपके हमारे जन्मदिन का टैग चला रहा है. अपने चाहने वालों का आशीर्वाद मिल
रहा है, उसके लिए आप सबका कोटि-कोटिशः आभार. भागमभाग, आपा-धापी भरी जिंदगी में जन्मदिन क्या होता है, इसकी सुध कहां है। भला हो इस सोशल मीडिया का जो याद तो दिलाता है कि आज ही के दिन हमारा जन्म हुआ था जिसकी पुष्टि के लिए #पापा के
हाथ की लिखी एक #मटमैली_डायरी के पन्नों की #जन्मपत्री है। जिसमें हमारा नाम #कमलकिशोर
था, फिर #नवलकिशोर हुआ पर वह भी नाम हमारे से दूर हो, हमारे भाई को मिल गया और
उसका नाम #इन्द्रजीत यादों में बनकर रह गया, घर का नाम ही हमारा कागजपत्री का लिखित
नाम है. कभी #अकलेश तो कभी #अकलेशवा बुलाया जाता था. नाम की संतुष्टी हमें अखिलेश
कुमार अरुण से मिली नहीं तो उसके पहले खूब नाम का छीछालेदर किये कुछ दिन
#अखिलेश_कुमार_गौतम तो साल, दो साल तक #अखिलेश_कुमार_निगम (#गौतम और #निगम दोनों
#जाति विशेष #उपनाम थे उपनाम की खोज का सिलसिला #अरुण पर जाकर ख़त्म हुआ जिसका अर्थ
होता है #लालरंग/ #प्रातःकाल जो धीरे-धीरे फैलकर सम्पूर्ण विश्व को अपने आगोस में
ले लेता है और संसार को एक नई उर्जा से भर देता है. देखिये अब आगे क्या होता है
उपनाम की सार्थकता को सिद्ध करने में एक-एक दिन बिता जा रहा है. #जन्मदिन #26 #अप्रैल
की जगह #1 #जनवरी कर दिया गया जो देखने में ही फर्जी लगता है इसलिए कभी हम इसे
स्वीकार न कर सके. सोशल मिडिया के बायोग्राफी में 26 अप्रैल ही मेंशन है. असली
जन्मदिन आज ही है, आज ही के दिन जन्म लेकर इस संसार में एक के बाद एक अपने लोगों
का साथ मिलता गया और हम पर जिम्मेदारी का बोझ बढ़ता गया घर-परिवार/समाज, जिसमें
समाज की जिम्मेदारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है किन्तु परिवार को भी लेकर चलना है। हम
अपने ऊपर मिले जिम्मेदारियों पर खरे उतर सकें यही हमारे लिए हमारे जन्मदिन का सबसे
बड़ा तोहफा होगा।
बहुत बहुत आभार
आप सब परिवारी, ईष्ट-मित्र, साथियों, व गुरुजनों का।
-अखिलेश कुमार
अरुण
26/04/2021
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