साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Tuesday, April 27, 2021

कोरोना की दवा साकारात्मकता और आपका आत्मबल

कोरोना की दवा साकारात्मकता और आपका आत्मबल

(स्वतंत्र दस्तक के जौनपुर संस्करण में २७ अप्रैल २०२१ को प्रकाशित)

बनाएं रखें सकारात्मक सोच, क्योंकि मन के जीते जीत हैं....। sakaratmak soch

लाल बुखार, चिकनगुनिया और भी गुजरे जमाने संक्रमित बिमारियों की भयावहता कुछ ऐसा ही होता होगा जो आज कोरोना के रुप में देखने को मिल रहा है। संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है, एक के बाद एक कोरोना की चपेट में लोग आते जा रहे हैं कहीं-कहीं तो पूरा का पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आकर काल के गाल में समाने को तैयार बैठा है ऐसे में कोरोना से मुक्ति का उपाय अब केवल और केवल साकारात्मक विचार, सोच, संदेश, आत्मबल में ही समाहित है। लाख कोशिश करने के बाद भी लोग कोरोना की चपेट में आ ही जा रहे हैं, घर-परिवार में दवा-दारु और खाने-पीने की वस्तुओं को लेने बाहर जाना ही पड़ता है, परिवर में भूखों मरने तक आप अपने घर में नही रह सकते। ऐसे में आप अपने व अपने परिवार को कोरोना की उन खबरों से दूर रखें जो आपको मानसिक रुप से कमजोर बनाती हैं।

सोशल मिडिया पर घूम रहीं खबरें जाने-अनजाने आपकों कोरोना के मुंह में ढकेल रहीं हैं। सोशल मीडिया के प्रयोगकर्ता खबरों को शेयर करने से पहले उनकी सच्चाई की तह में जाना नहीं चाहते ऐसा नहीं है कि सोशल मिडिया की सारी खबरें अफवाह हैं कुछ सच्चाई को भी अपने में समाहित किये हुए हैं अन्य बिमारियों से मरने वालों की संख्या की गिनती भी आज कोरोना में ही की जा रही है अतः कोरोना अपने भंयकर रुप को धारण कर लिया है। हमारे आपके मिलने-जुलने वालों में कोई अगर कालकवलित हो गया है तो उसे अपने तक ही रखा जाय सोशल मिडिया पर शेयर करने से बचा जाय ऐसा करके हम अपने और अपने लोगों को मानसिक अवसाद के शिकार होने से बचा सकते हैं।

आज इस महामारी के प्रकोप से जो लोग पीड़ित हैं वे अपने आत्मबल को गिरने न दें, स्वस्थ परिवार के सदस्य अफवाह की खबरों से दूर रहकर अपनी सारी उर्जा अपने परिवार के पीड़ित लोगों को एहतियात बरतते हुए उनके स्वस्थ होने तक उनका साथ देते रहें ठीक हो सकते हैं और ठीक कर सकते हैं बस एहतियात बरतने के साथ ही साथ आत्मबल और विष्वास बनाए रखने की जरुरत है क्योंकि अपने देश का निजाम आपको, आपके भरासे पर छोड़कर खुद सत्ता का सुख भोगने में व्यस्त है कोरोना के नाम पर सरकार द्वारा मदद कम दिखावा ज्यादा किया जा रहा है पर अब यह जरुर है कि सरकार कुम्भकर्णी नींद से जा चुकी है हर-सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं देर आओ किन्तु दुरुस्त आओ जनता को अब न लगे कि उनके साथ छल हो रहा है, राज्य सरकारों का आरोप-प्रत्यारोप जारी है। ऐसे में कोरोना से निपटने की पुरी जिम्मेदारी अब हमारी अपनी है।

अखिलेश कुमार  ‘अरुण’

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