साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Tuesday, August 11, 2020

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो

हम कबर से आईब हो

मर के भी साथ हम न छोड़ पाईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

..................................................

नेहिया लगवले बाडू परी निभावे के

सोचिहऽ न दोसर आपन दुनिया बसावे के

मंगबू जे चाँद हम तारा ले आईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

..................................................

प्यार का होला पूछऽ कवनो दीवाना से

राही के रोड़ा बनल दुश्मन जमाना में

तोहके पावे खाति मरब चाहे मार आईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

..................................................

केतना चाहिलां हम तोहके बताईं का

जईसन हनुमान सीना चीरि देखाईं का

कईल तोहरे इशारा हम मर जाईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

..................................................

बसल बाडू रोमे-रोम ‘अरुण’ के साँस में

ज़हर जुदाई होई बनबू जे आन के

उठी तोहर डोली हमना सह पाईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

..................................................

मर के भी साथ हम न छोड़ पाईब हो

भेजीहऽ ख़बर हम कबर से आईब हो-2

------------------------------------------सर्वाधिकार सुरक्षित@अखिलेश कुमार अरुण

पढ़िये आज की रचना

मौत और महिला-अखिलेश कुमार अरुण

(कविता) (नोट-प्रकाशित रचना इंदौर समाचार पत्र मध्य प्रदेश ११ मार्च २०२५ पृष्ठ संख्या-1 , वुमेन एक्सप्रेस पत्र दिल्ली से दिनांक ११ मार्च २०२५ ...

सबसे ज्यादा जो पढ़े गये, आप भी पढ़ें.