चीनी वस्तुओं का बहिष्कार कितना सार्थक
                                                                 -अखिलेश कुमार अरुण 
देशभक्ति के रंग में सराबोर
हम भारतियों ने देश के नाम कुछ करने को ठान बैठे हैं. देश हमारा है हम देश के हैं
इसलिए हम अपने दुश्मन देश को मदद पहुँचाने वाले देश का समर्थन नहीं करते हैं. भारत
पर पाकिस्तान का उरी हमला २०१६ एक त्रासदी है और इस त्रासदी को प्रतेक भारतीय
अनुभव करता है. हम  अपने देश के समर्थन के
लिए चीन जैसे देश जिसका वैश्वविक बाजार में प्रयाप्त भागीदारी बनी हुयी है और उसका
सबसे बड़ा बाज़ार दक्षिणी एशियाई देश हैं. जिसका कारण भी सर्वविदित है कि दक्षिणी
एशियाई देशों के नागरिकों की औसत कमाई अन्य देशों की अपेक्षा निम्न है जिसके चलते
चीन निर्मित सस्ते सामानों की मांग सदैव प्रयाप्त मात्रा में बनी रहती है, चाहे वह
इलेक्ट्रिक उपकरण हो या कंप्यूटर मोबाइल एसेसीरिज हों LYF 4G Mobile, PC, LAPTOP, झालरें, लेड-बल्ब, चार्जेर, इत्यादि जहाँ कम कमाई वाले व्यक्तियों को इनकी
सहज़ उपलब्धता उनके सामान्य से भी कम धनापूर्ती में हो जाती है वे चीनी वस्तुओं का
बहिष्कार नहीं कर सकते बहिष्कार का असली मज़ा तब है जब स्वेच्छा से व्यक्ति इसके
लिए राज़ी हो और यह तभी संभव है कि जब की कम कीमत में स्वदेशी वस्तुओं की आपूर्ति
जनसामान्य के लिए उपलब्ध करायी जाय.
चीनी वस्तुओं के बहिष्कार
की आधिकारिक घोषणा भारतीय सरकार के द्वारा नहीं किये जाने के उपरांत इसका परिणाम ठेले,
खोंमचे, रोड पटरी के सीमांत दुकानदारों को उठाना पड़ रहा है. दीवाली उनकी फीकी हो
रही है नए सामानों कि खरीददारी नहीं कर रहें हैं क्योंकि गतवर्ष में बचे सामानों
की बिक्री नहीं हो रही है उसी में उनका सैकड़ो रूपया फंसा पड़ा है, रही बात चीनी
सामानों के बिक्री की तो 20 की जगह 19 होकर आज़ भी चीनी वस्तुओं सप्लाई जस की तस
बनी हुयी है. अंतर बस इतना है कि उसको खरीदने वाले सामान्य धनिकवर्ग के लोग और बड़े
व्यवशायी हैं यथा- कंप्यूटर, मोबाइल, अन्य अस्सेसिरिज़.
चीनी बाज़ार बंदी को भुनाने
के लिए हम इसकी अधिकारिक घोषणा करें और सीमांत व्यापारियों की जगह बड़े व्यापारियों,
उद्द्योगपतियों की दुकाने बंद करें यही हमारा चीनी वस्तुओं का असली बहिष्कार होगाA
केवल फुटकर व्यापारियों की गले की हड्डी न बनें और नहीं उनके पेट पर लात मारे यह
सरासर अन्याय है अपने देश के गरीबों के हित में और यह हमें वर्दास्त नहीं आपको भी
शायद......