साहित्य

  • जन की बात न दबेगी, न छिपेगी, अब छपेगी, लोकतंत्र के सच्चे सिपाही बनिए अपने लिए नहीं, अपने आने वाले कल के लिए, आपका अपना भविष्य जहाँ गर्व से कह सके आप थे तो हम हैं।
  • लखीमपुर-खीरी उ०प्र०

Monday, January 01, 2018

भोजपुरी लोक-समाज के गायक

भोजपुरी लोक-समाज के गायक- रविन्द्र कुमार 'राजू' के निधन से एगो भोजपुरी के निमन अध्याय क पटाक्षेप हो गईल। उनके निधन पर हम सब भोजपुरिया लोगिन साथे-साथे ऊ सबे दुःखी बा जे उनकर गीत-संगीत से असीम सुख के अनुभति करत रहल हा।
परसों की रात हमरा देर रात क नींद ना आवत रहे तब मोबाईल से हेडफोन लगा के एगो गीत बजवनी अउर पाँच-छः बेर से अधिका ले सुनते-सुनत सूत कईलीं, ऊ गीत कवन रहे जानताड़ीं जा-"ए बलम जी"।
हमके का मालूम रहे कि उ गीत उनका अन्तिम समय की बेला में सुनत तारीं, जेकरा निधन के सनेश हमरा फेसबुक पर, मसहूर गीतकार/संगीतकार-अशोक कुमार 'दीप' जी के फेसबुक वॉल से पता चलल। अचके एगो झटका लागल उनके करीब से हम ना जानत रहलीं हं बकीर उनकर गीत-गवनई से परिवार जइसन रिस्ता रहल ह। उनकरा गीत में समाज के दरद रहल ह। एगो नवही कनिया के दुख क सुन्दर प्रस्तुति " ए बलम जी.........!" त परिवारिक प्रेम और त्याग क साक्षात दर्शन "खेत बारी बटीं जाई वीरना......।
अश्रुपूर्ण भावभीनी श्रध्दाजंलि।
गीतकार/साहित्यकार-अखिलेश कुमार अरुण

पढ़िये आज की रचना

बहुजन समाज का संविधान बनाम सनातन-नन्दलाल वर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर)

  ~~सूक्ष्म विश्लेषणात्मक अध्ययन~~  नन्दलाल वर्मा (सेवानिवृत्त एसोसिएट प्रोफेसर) युवराज दत्त महाविद्यालय लखीमपुर-खीरी 9415461224.        पिछ...

सबसे ज्यादा जो पढ़े गये, आप भी पढ़ें.